
- मुंबई, ठाणे, पिंपरी और अन्य शहरों के मुकाबले कम किराया
- काफी समय से प्रयासरत थीं नाट्य संस्थाएं
पुणे. राज्य में मुंबई, ठाणे, पिंपरी (Mumbai, Thane, Pimpri) और अन्य जगहों के नाट्यगृहों (Theaters) के किराए (rent) से पुणे शहर के नाट्यगृहों का किराया काफी कम है.कमर्शियल नाटकों के प्रयोग 9 महीनों के बाद दिसंबर में शुरू हुए.
50 प्रतिशत दर्शकों की उपस्थिति में मंचन करने की शर्त रखने से इन्कम पर अंकुश लगा है. इसके उपाय के तौर पर कलाकारों के मानधन में कटौती की गई है.
मनपाओं ने बड़ी सहूलियत दी
लोकल बाडीज द्वारा नाट्यगृहों का किराया कम करने की अपील के बाद मुंबई, ठाणे, पिंपरी आदि मनपाओं ने बड़ी सहूलियत दी. इस प्रकार से पुणे शहर में किराया कम करने के लिए नाट्य संस्थाएं प्रयासरत थीं. मनपा के नाट्यगृहों का किराया कम करने की मांग नाट्य संस्थाओं ने महापौर मुरलीधर मोहोल (Mayor Muralidhar Mohol) से की थी, लेकिन पुणे शहर के नाट्यगृहों का किराया पहले से ही कम होने से सहूलियत देने की संभावना से अधिकारियों ने इंकार किया है.
मनपा ने किए शुल्क निर्धारित
मनपा के नाट्यगृहों के मैनेजर सुनील मते ने कहा कि शहर में मनपा के बालगंधर्व रंगमंदिर, यशवंतराव चव्हाण नाट्यगृह, लोकशाहीर अन्नाभाऊ साठे स्मारक सभागृह और गणेश कला क्रीड़ा रंगमंच आदि का 3 घंटों के लिए नाट्य संस्थाओं के लिए शुल्क ढाई हजार रुपए और छुट्टी के दिन में कार्यक्रम करने तीन हजार रुपए है. जीएसटी जोड़ने पर यह शुल्क तीन हजार 700 रुपए तक बढ़ता है. कमर्शियल कार्यक्रमों के लिए साढ़े चार हजार रुपए से पांच हजार रुपए शुल्क है. राजनैतिक कार्यक्रमों के लिए लिए जीएसटी के साथ 17 हजार 700 रुपए शुल्क है. अन्य शहरों में मनपा के नाट्यगृहों का नाट्य संस्थाओं के लिए शुल्क 18 हजार से 25 हजार रुपये होने से उसे कम करने हेतु प्रयास किए गए.
नाट्य संस्थाओं के लिए फायदेमंद
संबंधित नाट्यगृहों का शुल्क कम होने के बावजूद पुणे के नाट्यगृहों के के शुल्क से वह ज्यादा है. इसलिए पुणे के नाट्यगृहों का शुल्क स्थिर रखा जाएगा. नाट्यगृहों की आसन क्षमता और शुल्क का हिसाब करने पर यह नाट्यगृह नाट्य संस्थाओं के लिए ज्यादा फायदेमंद है.