Suraj Mandhare

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    पुणे : महाराष्ट्र (Maharashtra) के कुछ जिलों (Districts) में लू के चलते शिक्षा कमिश्नर (Education Commissioner) सूरज मांढरे (Suraj Mandhare) ने शिक्षा अधिकारियों (Education Officers) को निर्देश दिया है कि स्कूल के घंटों को लेकर जिला परिषद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी और जिला कलेक्टर (District Collector) से चर्चा कर स्थानीय स्तर पर फैसला लिया जाए।

    कोरोना के प्रकोप के चलते स्कूल देर से खुले हैं। इसलिए स्कूल शिक्षा विभाग ने अप्रैल के अंत तक स्कूलों को पाठ्यक्रम पूरा करने और छात्रों के शैक्षिक नुकसान की भरपाई के लिए परीक्षा लेने का फैसला किया है। कुछ दिनों से राज्य के कुछ हिस्से भीषण लू की चपेट में हैं। इस पृष्ठभूमि में विद्यालय के समय को लेकर स्थानीय स्तर पर निर्णय लेने का सुझाव दिया गया है। राज्य के शिक्षा कमिश्नर  सूरज मांढरे ने कहा कि  भारतीय मौसम विभाग द्वारा दी गई चेतावनी के बाद संबंधित शिक्षा अधिकारी जिला स्तर पर जिला कलेक्टर और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के परामर्श से निर्णय लें।

    बच्चों के स्वास्थ्य के लिए हो सकता है खतरा 

    स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अप्रैल के अंत तक स्कूल को खुला रखने के निर्णय से शिक्षक और अभिभावक नाराज हैं। एक अभिभावक ने कहा कि बच्चों को सुबह 10 बजे से दोपहर 2 बजे तक स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है। दिन के 40 डिग्री तापमान के आसपास है। जो बच्चों के स्वास्थ्य लिए खतरनाक है। सरकार को हस्तक्षेप करना चाहिए और सुबह स्कूल में केवल कुछ घंटों का समय देना चाहिए।

    पुणे के लू संबंधी IMD से अब तक अलर्ट नहीं 

    पुणे जिला परिषद के सीईओ आयुष प्रसाद ने कहा कि उन्होंने राज्य सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और शिक्षा कमिश्नर के साथ चर्चा की है। इस संबंध में अधिकारियों के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि लू की चेतावनी होने की स्थिति में उन सीमित दिनों के दौरान कलेक्टर की अध्यक्षता में जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण निर्णय ले सकता है। क्योंकि  आईएमडी की ओर से कोई चेतावनी नहीं है, इसलिए उन्होंने ऐसा कोई प्रस्ताव शुरू नहीं किया है। उन्होंने कहा कि स्कूलों को जल्दी शुरू करके दोपहर तक बंद करना सुनिश्चित किया गया है। समय को और आगे नहीं बढ़ाया जा सकता क्योंकि सूर्योदय के एक घंटे बाद स्कूल शुरू करना होता है।