पुणे: कोरोना काल में सभी की स्थिति बेहद खराब होने के कारण अधिकांश अभिभावक स्कूल की फीस (School Fees) नहीं भर पाए। फीस नहीं देना उनका मकसद नहीं था। ऐसे में शिक्षण संस्थाएं विद्यार्थियों का एडमिशन (Admission) और रिजर्ल्ट (Results) नहीं रोके। यह चेतावनी शिक्षा मंत्री दीपक केसरकर (Minister Deepak Kesarkar) ने शिक्षण संस्थाओं को दी है।
शिक्षण संस्थाएं इस बात का ध्यान रखें कि विद्यार्थियों को आगे की शिक्षा में परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। एडवांस में चेक लेकर इन विद्यार्थियों को एडमिशन और रिजल्ट दें। अन्यथा ऐसी शिक्षण संस्थाओं के खिलाफ अलग से विचार करना होगा। समय आने पर कार्रवाई के संदर्भ में निर्णय लेंगे। उन्होंने औंध में पत्रकारों से बात करते हुए यह चेतावनी दी।
विद्यार्थियों के बस्ते का बोझ कम करने के लिए प्रयास जारी
दीपक केसरकर ने कहा कि विद्यार्थियों के बस्ते का बोझ कम करने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। कई विद्यार्थियों के लिए कॉपियां खरीदना संभव नहीं होता है। सरकार की तरफ से अगले वर्ष से विद्यार्थियों की पुस्तक के साथ कॉपियां मुफ्त में देने का निर्णय लिया जाएगा। साथ ही पुस्तक के हर पन्ने के साथ एक कोरा पन्ना जोड़ा जाएगा जिस पर विद्यार्थी प्रैक्टिस कर सके और और उन्हें अतिरिक्त कॉपी खरीदने की जरुरत नहीं पड़े।
भ्रमित करने वालों से सावधान रहें
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो लाख करोड़ से अधिक प्रोजेक्ट महाराष्ट्र के लिए मंजूर किए हैं। जिन लोगों ने ढ़ाई वर्षों में केवल केंद्र को गाली देने के अलावा कुछ नहीं किया उनका निवेश बाहर जाने को लेकर बोलना गलत है। यह केवल ढोंग हैं। महाराष्ट्र की जनता को भ्रमित किया जा रहा हैं। इससे सावधान रहना चाहिए। हम राज्य को आगे ले जाने में किसी तरह की राजनीति नहीं करेंगे।