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    पुणे: पुणे जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (पीडीसीसी) के चुनाव (Pune District Bank Elections) में एक बार फिर से एनसीपी (NCP) का वर्चस्व बरकरार रहा। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar) की चली। प्रा. दिगंबर दुर्गाडे (पुरंदर) को अध्यक्ष तो उपाध्यक्ष के तौर पर सुनील चांदेरे (मुलशी) को आम राय से चुना गया। माना जा रहा है कि भविष्य के चुनाव को देखते हुए अजीत पवार ने संतुलन बनाते हुए पदाधिकारियों का चयन किया।

    रिटर्निंग ऑफिसर और जिला उप पंजीयक (ग्रामीण) मिलिंद सोबले की अध्यक्षता में नवनिर्वाचित निदेशकों की पहली बैठक बैंक के सभागृह में हुई। अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए क्रमश: दुर्गाडे और चांदेरे की ओर से एक-एक आवेदन ही प्राप्त हुए थे। 

    पदाधिकारियों का निर्विरोध चयन

    इसलिए पदाधिकारियों का निर्विरोध चयन होना तय था।  प्रा. दुर्गाडे इससे पहले बैंक के अध्यक्ष के रूप में कार्य कर चुके हैं। बैंक के संचालन के उनके अपार अनुभव को देखते हुए उनके चयन की उम्मीद थी। वहीं चांदेरे के रूप में युवा चेहरे को मौका दिया गया है। निदेशकों की पहली बैठक में बैंक के निदेशक के साथ-साथ उपमुख्यमंत्री अजीत पवार, गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, डेरी व्यवसाय राज्य मंत्री दत्तात्रय भरणे के साथ एनसीपी विधायक अशोक पवार, विधायक दिलिप मोहिते पाटिल, कांग्रेस विधायक संजय जगताप भी शामिल हुए।

    जिला बैंक में कुल 21 निदेशक

    जिला बैंक में कुल 21 निदेशक हैं, जिनमें एनसीपी के 17, कांग्रेस के 2 और बीजेपी के 2 निदेशक शामिल हैं। पुणे जिला बैंक के पदाधिकारियों के चुनाव के बाद उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने मीडिया से बातचीत की। बैंकों के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर पवार ने कहा कि मौजूदा हालात में बैंकों को चलाना बहुत मुश्किल है।