उपयोगकर्ता शुल्क वसूली पर सत्तारूढ़ दल बीजेपी का विरोध, विधायक महेश लांडगे ने PCMC कमिश्नर को दी निर्णय रद्द करने की सूचना

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पिंपरी : पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका (Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation) के माध्यम से शहर में नागरिकों के स्वच्छता और स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग ( Health Department) के माध्यम से शहर में ठोस कचरे को संभाला और प्रबंधित किया जाता है। इस मुआवजे में प्रशासन ने उपभोक्ता शुल्क वसूलने का निर्णय लिया है। पिंपरी चिंचवडकरों के लिए यह निर्णय अनुचित है और इस कर को तत्काल रद्द किया जाना चाहिए। इस शुल्क का पुरजोर विरोध (Protest) करते हुए बीजेपी के शहर अध्यक्ष और विधायक महेश लांडगे (MLA Mahesh Landge) ने प्रशासन को सूचना दी है कि यह शुल्क लगाने से पहले सभी पार्टी के जनप्रतिनिधियों, नागरिक और स्वयंसेवी संस्थाओं को भरोसे में लिया जाए।

इस संबंध में उन्होंने महानगरपालिका कमिश्नर और प्रशासक शेखर सिंह को ज्ञापन दिया है। इसमें कहा गया है कि शहर के नागरिकों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए महानगरपालिका द्वारा 100 करोड़ से अधिक खर्च किए जाते हैं। महानगरपालिका द्वारा नागरिकों को दी जाने वाली सुविधाओं पर बड़ी राशि खर्च करने का हवाला देते हुए प्रशासन ने सभी संपत्तियों से उपयोगकर्ता शुल्क वसूलने का निर्णय लिया है। हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं। महानगरपालिका में प्रशासक शासन चल रहा है। नगरसेवक या पदाधिकारी किसी भी निर्णय लेने की प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं कर सकते हैं। इसलिए प्रशासन द्वारा मनमाने ढंग से निर्णय थोपना उचित नहीं है। शहर के सर्वदलीय नेताओं और गैर सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों और समाज के धारकों को विश्वास में लेकर निर्णय लेना व्यापक जनहित में होगा। फिलहाल, हम पुरजोर मांग करते हैं कि उपभोग शुल्क को तुरंत रद्द किया जाना चाहिए।

मासिक शुल्क को वार्षिक शुल्क में परिवर्तित कर दिया गया है

गौरतलब है कि महाराष्ट्र महानगरपालिका अधिनियम, 1949 के तहत, महानगरपालिकाओं के लिए ठोस अपशिष्ट (प्रबंधन और हैंडलिंग), स्वच्छता और स्वास्थ्य उपनियम 2019 के अनुसार पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका की सीमा के भीतर संपत्तियों के लिए उपयोगकर्ता शुल्क के संग्रह की प्रक्रिया को लागू किया जा रहा है। इसमें घर, दुकान और क्लिनिक, शोरूम, गोदाम, रेस्तरां और होटल, आवास और भोजन के साथ होटल, अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान छात्रावास, धार्मिक संस्थान, सरकारी और अर्ध-सरकारी कार्यालय, विवाह कार्यालय और मनोरंजन हॉल, शॉपिंग सेंटर आदि शामिल होंगे। मासिक शुल्क को वार्षिक शुल्क में परिवर्तित कर दिया गया है। हर अर्धमासिक संपत्ति कर बिल में छह महीने का शुल्क जोड़ा गया है। 2019 के निर्णय के अनुसार 1 जुलाई 2019 से यह शुल्क लगाया जा रहा है। नागरिकों को पिछले शुल्क का पूरा बोझ न उठाना पड़े, इसके लिए हर पिछले वर्ष के शुल्क को अगले वर्ष में जोड़ा गया है।