प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर

    Loading

    पुणे: कुछ दिन पहले पुणे (Pune) में स्कूल के वाहन (School Vehicle) में आग (Fire) लगने की घटना सामने आई थी। इसके कारण विद्यार्थियों की सुरक्षा का मुद्दा सामने आया था। इसके मद्देनजर छात्रों की सुरक्षा (Students Safety) के लिए राज्य भर में स्कूली विद्यार्थियों को ले जानेवाली सभी स्कूल बसों का निरीक्षण करने का निर्णय परिवहन आय़ुक्त कार्यालय ने निर्णय लिया है। परिवरहन कार्यालय ने सभी क्षेत्रीय औऱ उप-क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों को निर्देश जारी किए है। यह अभियान 31 जुलाई तक चलाया जाएगा।

    राज्य भर में स्कूली विद्यार्थियों को लेने और छोड़ने के लिए स्कूल बसों का इस्तेमाल होता है। इसको देखकर विद्यार्थियों की सुरक्षा के लिए स्कूल बसों के लिए नियम बनाए गए हैं। इसमें बस के फिटनेस सर्टिफिकेट, बस में बैठने की व्यवस्था आदि के संबंध में कई प्रावधान हैं। हालांकि मौजूदा हालात में नियमों का उल्लंघन कर छात्रों को ले जाने वाले वाहनों की संख्या में इजाफा हुआ है। साथ ही स्कूली छात्रों को स्कूली बसों के अलावा अन्य वाहनों से अवैध रूप से ले जाया जा रहा है। इसके कारण छात्रों की सुरक्षा का मामला सामने आया है।

    कागजों पर परिवहन समितियां

    स्कूल स्तर पर परिवहन समितियों के गठन करना अनिवार्य है। इन समितियों में स्कूल प्राचार्य, संबंधित क्षेत्रों के पुलिस निरीक्षक, बस ठेकेदारों के प्रतिनिधि, पालक प्रतिनिधि आदि शामिल हैं। हालांकि, हकीकत में कई स्कूलों में समितियां काम नहीं कर रही हैं। साथ ही इन समितियों की बैठक नहीं होती है, इसलिए ये समितियां केवल कागजों पर हैं।

    इन चीजों की होगी जांच 

    इस पृष्ठभूमि में राज्य परिवहन आयुक्त कार्यालय के परिवहन उपायुक्त अभय देशपांडे ने स्कूल बसों का निरीक्षण करने का आदेश जारी किया है। राज्य के सभी आरटीओ कार्यालयों से निरीक्षण अभियान चलाने को कहा गया है और यह निरीक्षण 31 जुलाई तक किया जाएगा। इसमें स्कूली छात्रों को ले जाने वाली बसों में बैठने की व्यवस्था, ‘स्पीड गवर्नर’ के बिना वाहन, फिटनेस प्रमाण पत्र के बिना वाहन और स्कूल बसों के अलावा अन्य वाहनों में अवैध यातायात की जांच की जाएगी।

    नियमों को भंग करनेवाले बसों पर होगी कार्रवाई

    परिवहन विभाग द्वारा स्कूल बसों के निरीक्षण का अभियान 31 तारीख तक चलेगा।  जिसके बाद यह सारी जानकारी राज्य परिवहन आयुक्त के कार्यालय को भेज दी जाएगी। बिना नियमों का पालन किए छात्रों को ले जाने वाली बसों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, ऐसा पत्र में स्पष्ट किया है।