Pimpri-Chinchwad

    Loading

    पिंपरी: पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका प्रशासन ( Pimpri-Chinchwad Municipal Administration) ने पिंपरी-चिंचवड (Pimpri-Chinchwad) की बड़ी हाउसिंग सोसाइटियों में पैदा होने वाले गीले कचरे (Wet Waste) का वहीं निस्तारण करना अनिवार्य कर दिया था। हालांकि, सोसाइटी धारकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए गीला कचरा संग्रहण के संबंध में प्रशासन की कार्रवाई ‘जैसी है’ रखी जाए। नई निर्माण परियोजनाओं के लिए गीले अपशिष्ट उपचार संयंत्रों को अनिवार्य किया जाना चाहिए। साथ ही पुणे जिले के पालकमंत्री और राज्य के उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल की मौजूदगी में शुक्रवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि गीला कचरा संग्रहण और निस्तारण के संबंध में ठोस नीति बनाने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा।

    पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका मुख्यालय में पालकमंत्री चंद्रकांत पाटील ने एक समीक्षा बैठक की। इसमें हुए उक्त फैसले से सोसाइटी धारकों को बड़ी राहत मिली है। दिवाली त्यौहार की पृष्ठभूमि पर उन्हें एक सौगात मिली है क्योंकि महानगरपालिका ने 1 नवंबर से सोसाइटियों का गीला कूड़ा लेना बंद करने का ऐलान किया हैं। इस बैठक में पूर्व सांसद अमर साबले, बीजेपी शहर अध्यक्ष और विधायक महेश लांडगे, विधायक उमा खापरे, चिंचवड विधानसभा चुनाव प्रभारी शंकर जगताप, पूर्व सभागृह नेता एकनाथ पवार, नामदेव ढाके, महानगरपालिका प्रशासक और कमिश्नर शेखर सिंह, अतिरिक्त आयुक्त जितेंद्र वाघ, प्रदीप जांभले-पाटील, उल्हास जगताप के साथ महानगरपालिका के प्रमुख अधिकारी और बीजेपी के पदाधिकारी उपस्थित थे।

    पालकमंत्री ने की समीक्षा बैठक

    इस बीच, पालकमंत्री चंद्रकांत पाटिल ने पिंपरी-चिंचवड पुलिस आयुक्तालय और पुणे महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण के मुख्यालय का दौरा किया और विकासकामों की समीक्षा भी की। चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि हालांकि 2017 में केंद्र स्तर पर निर्णय लिया गया था, लेकिन इसे लागू नहीं किया गया। फिर, गीला कचरा कुछ और दिनों के लिए एकत्र किया जाना चाहिए। 

    एक समिति बनाने का सुझाव दिया गया 

    पिंपरी-चिंचवड में हाउसिंग सोसाइटी, जो प्रतिदिन 100 किलो से अधिक गीला कचरा उत्पन्न करती है, को उस कचरे को स्वयं प्रसंस्करण के लिए परियोजनाएं स्थापित करनी चाहिए। महानगरपालिका ने इसके लिए नई डेडलाइन दी है और 1 नवंबर से गीला कूड़ा नहीं उठाने का फैसला किया गया। हालांकि इस फैसले को फिलहाल के लिए टाल दिया गया है। साथ ही, नागरिकों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए, बिना किसी जल्दबाजी के इस निर्णय की व्यवहार्यता की जांच करने के लिए नागरिकों और अधिकारियों को शामिल करते हुए एक समिति बनाने का सुझाव दिया गया है।

    सोसायटी फेडरेशन की मांग कामयाब

    चिखली-मोशी-चरहोली पिंपरी-चिंचवड हाउसिंग सोसाइटी फेडरेशन ने गीला कचरा एकत्र नहीं करने के फैसले का सख्त विरोध किया है। फेडरेशन के अध्यक्ष संजीवन सांगले ने भी चेतावनी दी थी कि अगर कूड़ा नहीं उठाया गया तो कूड़ा महानगरपालिका परिसर में ही फेंक दिया जाएगा। उसके बाद विधायक महेश लांडगे ने मध्यस्थता कर सोसाइटी धारकों को राहत पहुंचाने का प्रयास किया। इस संबंध में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बयान दिया गया। उसके बाद शहरवासियों को आश्वासन दिया गया कि पालकमंत्री के अधिकार में निर्णय लिया जाएगा। अंतत: चंद्रकांत पाटिल ने शहर का दौरा करते हुए सोसायटी मालिकों का कूड़ा उठाने का निर्देश दिया। बड़ी बात यह है कि पिंपरी-चिंचवड में सोसाइटी फेडरेशन द्वारा उठाए गए आक्रामक रुख से पूरे राज्य के महानगरपालिका क्षेत्र में सोसाइटी धारकों को फायदा होगा।