मुंबई. महाराष्ट्र (Maharashtra) के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने रविवार को कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव में प्रचार अभियान में मेरी टैगलाइन “मी पुन्हा येईन” (मैं लौटूंगा) का मजाक उड़ाया गया। मुझे सत्ता में आने के लिए में 2.5 साल लग गए, लेकिन जब सत्ता मिली, तो दो दलों को विभाजित कर सत्ता में लौट आया। फडणवीस ने यह भी दावा किया कि शिवसेना और एनसीपी आदित्य ठाकरे और सुप्रिया सुले के कारण टूटी।
फडणवीस ने एक पुस्तक विमोचन के अवसर पर कहा, “मैं न केवल वापस आया, बल्कि दो पार्टियों को विभाजित करके लौटा। सत्ता में वापस आने में ढाई साल लग गए। मैंने 2019 के विधानसभा चुनाव के प्रचार अभियान के दौरान एक कविता पढ़ी थी लेकिन इसकी केवल एक पंक्ति ही लोकप्रिय हुई।” उन्होंने कहा, “भाजपा ने बड़ी संख्या में सीट जीतीं और (2019 विधानसभा चुनाव के बाद) शिवसेना के साथ सरकार बना सकती थी। हालांकि, उद्धव ठाकरे ने हमें धोखा दिया और हमें विपक्ष में बैठना पड़ा।”
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— Devendra Fadnavis (Modi Ka Parivar) (@Dev_Fadnavis) March 17, 2024
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के विद्रोह के बाद जून 2022 में शिवसेना विभाजित हो गई थी जबकि पिछले साल अजित पवार के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से हाथ मिलाने के बाद राकांपा दो धड़ों में बंट गई थी।
फडणवीस ने एनसीपी और शिवसेना में विभाजन को लेकर कहा, “नेताओं के रिश्तेदारों को राजनीति में आना चाहिए, लेकिन उन्हें योग्यता के आधार पर अवसर मिलना चाहिए, न कि योग्य उम्मीदवारों की अनदेखी करके। कांग्रेस के मुखिया होने के बावजूद मल्लिकार्जुन खड़गे खुद फैसले नहीं ले सकते। उन्हें सोनिया गांधी या राहुल गांधी से सलाह लेनी पड़ती है। NCP क्यों टूटी? शरद पवार ने अजित पवार को अपने स्वाभाविक उत्तराधिकारी के रूप में विकसित किया, लेकिन बाद में वे पार्टी की कमान अपनी बेटी सुप्रिया सुले को देना चाहते थे। शिवसेना में क्यों टूटी? क्योंकि उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य को राज्य का सीएम बनाना चाहते थे और इसलिए उन्होंने अप्राकृतिक सहयोगियों से हाथ मिला लिया।”
कांग्रेस न होती तो देश का बंटवारा नहीं होता
फडणवीस से जब पूछा गया कि यदि कांग्रेस न होती तो क्या होता? इस सवाल पर उन्होंने कहा, “ऐसे में देश का बंटवारा नहीं होता। देश को कभी आतंकवाद का सामना नहीं करना पड़ता। पिछले 10 वर्षों में देश का जो विकास हुआ है वह पहले ही हो गया होता। हम कई वर्ष पहले ही अपनी सांस्कृतिक पहचान स्थापित कर सकते थे। आर्टिकल 370 लागू करने जैसी गलतियां कभी नहीं होती, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुधार लिया।”
परिवारों के इर्द-गिर्द घूमती रही महाराष्ट्र की राजनीति
फड़णवीस ने परिवारवाद की राजनीति कोई लेकर कहा, “महाराष्ट्र के गठन के बाद 30-40 साल तक राज्य की राजनीति 40-50 परिवारों के इर्द-गिर्द घूमती रही। उनमें से कुछ के पास एक दूरदृष्टि थी जिन्होंने राज्य के लिए योगदान दिया। जबकि, कइयों ने सरकारी धन का उपयोग अपने लिए किया और राज्य के लोगों को उन पर निर्भर बना दिया। इन परिवारों ने लोगों पर अधिक नियंत्रण स्थापित करने के लिए आपराधिक तत्वों और बाहुबलियों का उपयोग करना शुरू कर दिया।”
पैसे के बिना राजनीति संभव
फडणवीस ने कहा, “पहले अंडरवर्ल्ड राज्य की राजनीति को नियंत्रित करता था। जब से भाजपा और मोदी सत्ता में आए हैं राज्य में बदलाव देखने को मिला है। पीएम मोदी ने उस चक्र को तोड़ दिया और पूरे देश को दिखाया कि बाहुबलियों और पैसे के बिना राजनीति संभव है और बड़े नेताओं को भी आम आदमी हरा सकता है।”