ठाणे : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के सपने को साकार करने के लिए किसानों (Farmers) को अपनी जमीन गंवानी तो पड़ रही है। अब किसानों को बुलेट ट्रेन परियोजना (Bullet Train Project) ने एक और शॉक दिया है। दरअसल, ठाणे जिले में बुलेट ट्रेन परियोजना के तहत शील, पडले, डावले और देसाई गांव में हाई प्रेशर ट्रांसमिशन टावर और केबल के निर्माण और चैनल के लाइन का कार्य किया जा रहा है। जिसमें अब किसान बड़ी संख्या में बाधित हो रहे है। तार के नीचे कब्जा की गई जमीन के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों ने जिला कलेक्टर से मुलाकात कर मुआवजे की मांग की है।
बता दें कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्त्वकांक्षी परियोजना बुलेट ट्रेन की शुरुवात हुई हैं तब से किसानों को अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा हैं। वहीं मुआवजे के लिए किसानों को लगातार सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने पड़ते हैं। मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना के तहत एमएसईटीसीएल और टाटा पावर कंपनी की विभिन्न विद्युत लाइनों का स्थानांतरण, ऊंचाई के कार्यों में किसानों की जमीन जा रही है। इस संबंध में किसानों से प्लॉट का संतोषजनक मुआवजा दिलाने की मांग जिला कलेक्टर अशोक शिनगारे से मुलाकात कर प्रभावित किसानों को मुआवजा दिलाने की मांग की है।
किसानों ने कलेक्टर से की ये मांगें
बिजली के मामले में, चैनल लाइन के तहत प्रभावित भूमि के लिए मुआवजा दिया जाए। पारेषण और टाटा पावर प्रभावित भूमि को छोड़कर शेष भूमि में नि:शुल्क निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र दिया जाए। यदि बिजली के तारों के नीचे जमीन का मुआवजा नहीं मिलता है तो इन तारों के नीचे जमीन में निर्माण की अनुमति दी जाए। संबंधित गांवों के भूमि अधिग्रहण की संयुक्त रूप से गणना कर नक्शा और विवरण तैयार किया जाए। किसानों की ओर से वास्तविक काम से पहले प्रभावित जमीन का मुआवजा देने जैसी मांग की गई है।