Cheating in the name of making doctors in Russia, duped the students of crores

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    ठाणे : ठाणे (Thane) में निजी कंपनी (Private Company) द्वारा रूस (Russia) में डॉक्टर (Doctor) बनने के नाम पर करोड़ों (Crores) रूपए ठगने (Cheating) का मामला सामने आया है। दरअसल, डॉक्टर बनने की चाहत में रूस में पढ़ने गए राज्य के 18 छात्रों के भविष्य को लेकर संकट बन गया है। अपने बच्चों  को डॉक्टर बनाने का सपना देखने वाले इन अभिभावकों के ठगी का शिकार होने की बात सामने आई है। ठगी का शिकार हुए लोगों की शिकायत के बाद मनसे विद्यार्थी सेना के अध्यक्ष संदीप पाचंगे ने उक्त मामले में पहल की है और मामला ठाणे पुलिस तक पहुंचा है। 

    ठाणे पुलिस के क्राईम ब्रांच के एडिशनल कमिश्नर अशोक मोराले ने कहा है कि एज्युकेशन ओवरसीज कंसल्टेंसी (इसीओ) के सागर सालवी के खिलाफ शिकायत मिली है और पुलिस उसकी जांच कर रही है। अगर संस्था के काम में गड़बड़ी पाई गई तो संस्था चालक के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी। 

    अभिभावकों द्वारा मिली जानकारी के अनुसार ठाणे रेलवे स्टेशन के करीब इसीओ का कार्यालय है। इस संस्था के जरिये मुंबई, ठाणे, पुणे, लातूर, भुसाल, विरार के 18 अभिवावकों ने अपने बच्चो को डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए रूस के जार्जिया स्थित यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया था। इसके लिए प्रति छात्र 25 से 30 लाख की फीस अदा की गई है। इसमें पढ़ाई के अलावा रहने, खाने -पीने का खर्च शामिल है। आरोप है कि संस्था ने रुपये तो पूरा लिए लेकिन उसके अनियोजित कार्य के कारण रूस में छात्र पिछले तीन महीने से परेशान हैं। अभिभावकों ने जब संस्थान के निदेशक सागर सालवी से संपर्क किया तो उसका कहना था कि उसके पास रूपये नहीं बचे हैं। सालवी के इस जवाब से अभिभावक अपने आप को ठगा महसूस करने लगे है और अपने बच्चो के भविष्य को लेकर उनके सामने चिंता बन गयी है।

    संस्थापक के खिलाफ हो कार्रवाई 

    मनसे विद्यार्थी सेना के ठाणे जिलाध्यक्ष संदीप पाचंगे ने कहना है कि, संस्थापक सागर साल्वी इससे पहले भी कई अभिभावकों और छात्रों को ठग चुके हैं। उनके साथ माता-पिता की बैठक के दौरान, उन्होंने रूस में छात्रों की मदद करने में असमर्थता भी व्यक्त की। इसलिए पुलिस से उन्होंने मांग की है कि सागर सालवी को भविष्य में विजय माल्या और नीरव मोदी की तरह फरार होने से पहले गिरफ्तार किया जाए। भविष्य में, इस संबंध में विदेश कार्यालय के साथ अनुवर्ती कार्रवाई करके रूस में भारतीय दूतावास से मदद लेने के लिए कदम उठाए जाए। और संस्थापक के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।