Difficult to meet all top officials including Municipal Commissioner in Bhiwandi, huge resentment among citizens

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    भिवंडी : 1 सप्ताह पूर्व अमरावती महानगरपालिका कमिश्नर (Amravati Municipal Commissioner) डॉक्टर प्रवीण आष्टीकर (Dr Praveen Ashtikar) पर हुए स्याही हमले (Ink Attack) के उपरांत भिवंडी महानगरपालिका कमिश्नर (Bhiwandi Municipal Commissioner) सुधाकर देशमुख (Sudhakar Deshmukh) भी सुरक्षा को लेकर पूर्ण सावधानी बरत रहे हैं। महानगरपालिका मुख्यालय (Municipal Headquarters) स्थित तीसरी मंजिल पर कमिश्नर कार्यालय (Commissioners Office) सहित  सभी शीर्ष अधिकारियों के कार्यालय के सामने सहित गैलरी के दोनों साइड लोहे की शटर (Iron Lattice) लगाकर सुरक्षा घेरा (Security Cordon) बना दिया गया है। महानगरपालिका प्रशासन के उक्त कदम से अब शहरवासियों को बगैर परमिशन महानगरपालिका कमिश्नर सहित तमाम शीर्ष अधिकारियों के पास जाना बेहद कठिन हो गया है। महानगरपालिका प्रशासन के इस कदम से शहरवासियों में भारी नाराजगी फैली है।

    गौरतलब हो कि 1 सप्ताह पूर्व ही अमरावती महानगरपालिका कमिश्नर प्रवीण आष्टीकर के ऊपर एक महिला द्वारा स्याही फेंक कर विद्रोह किए जाने का प्रयास किया गया था। अमरावती में कमिश्नर आष्टीकर के ऊपर स्याही फेंक घटना के उपरांत भिवंडी महानगरपालिका सहित तमाम महानगरपालिकाओं  में अधिकारियों द्वारा काम बंद कर विरोध दर्शाया गया था। घटना के फौरन बाद ही महानगरपालिका अधिकारियों, कर्मचारियों पर बढ़ रहे अराजक तत्वों के हमलों से चिंतित महानगरपालिका कमिश्नर सुधाकर देशमुख ने महानगरपालिका मुख्यालय की तीसरी मंजिल पर कमिश्नर सहित अतिरिक्त आयुक्त, उपायुक्त (मुख्यालय) आदि के कार्यालयों के समक्ष सुरक्षा के मद्देनजर लोहे की शटर लगाने का निर्देश दिया था। महानगरपालिका मुख्यालय की तीसरी मंजिल स्थित कमिश्नर सहित तमाम शीर्ष अधिकारियों के कार्यालय के सामने सहित गैलरी में दोनों तरफ से लोहे की शटर लग जाने से शहर के नागरिकों को अब बगैर परमिशन तीसरी मंजिल स्थित प्रशासकीय कार्यालय पर जाना बेहद कठिन हो गया है।

    शहर का कोई भी नागरिक अब बगैर परमिशन तीसरी मंजिल स्थित शीर्ष प्रशासनिक अधिकारियों के पास कार्यवश भी आसानी से नहीं जा सकेगा। तात्पर्य यह है कि अमरावती में हुई है स्याही फेंक घटना से भिवंडी में भी आम नागरिकों के लिए कमिश्नर सहित तमाम शीर्ष अधिकारियों के दरवाजे बंद हो गए हैं। जागरूक शहरवासियों का कहना है कि अगर महानगरपालिका कमिश्नर सहित तमाम शीर्ष अधिकारी लोगों से डरेंगे तो लोगों का जनहित कार्य कैसे संभव होगा ? कई जागरूक नागरिकों ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि भिवंडी महानगरपालिका में भ्रष्टाचार का तो बोलबाला है। अधिकारी, कर्मचारी काम कम पैसे लेने में ज्यादा दिलचस्पी रखते हैं बावजूद डर के कारण ऑफिसों के बाहर शटर लगा रहे हैं। डरपोक अधिकारी सुरक्षा के नाम पर कहीं फील्ड में भी जाने से परहेज करते हैं जिससे शहर विकास सहित तमाम जरूरी कार्य रुक गए हैं। भ्र्ष्ट और डरपोक अधिकारियों का भिवंडी महानगरपालिका में बोलबाला हो गया है। शासन को ऐसे निष्क्रिय, डरपोक अधिकारियों को महानगरपालिका से हटा देना चाहिए।

    उक्त संदर्भ में महानगरपालिका कमिश्नर सुधाकर देशमुख का कहना है कि लोकतंत्र में विरोध करना सबका अधिकार है। असुरक्षा के माहौल में सुरक्षा जरूरी है। महानगरपालिका अधिकारियों, कर्मचारियों से बदसलूकी, मारपीट होगी तो जनहित काम करना नितांत मुश्किल होगा। अधिकारियों की सुरक्षा के लिए उपाय किया गया है। राजनीतिक दलों, जनहित संस्थाओं द्वारा आंदोलन, धरना के उपरांत महानगरपालिका मुख्यालय उपायुक्त को ही निवेदन दिया जाना चाहिए।