Ulhasnagar Municipal Corporation

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    उल्हासनगर : शुक्रवार (Friday) को आगामी वित्तीय वर्ष 2022 -23 (Financial Year 2022-23) के लिए  उल्हासनगर महानगरपालिका प्रशासन (Ulhasnagar Municipal Administration) की ओर से 523 करोड़ रुपए का बजट (Budget) महानगरपालिका स्थाई समिति (Municipal Standing Committee) के सभापति को सौंपा गया है। ताकि महानगरपालिका सदन में चर्चा कर प्रस्तावित बजट (Proposed Budget) को अंतिम मंजूरी मिल सके। प्रस्तावित बजट में पानी के बिलों में तीन से चार गुना वृद्धि किए जाने का सुझाव प्रशासन का है। पानी मंहगा होने से लोगों में नाराजगी बढ़ने लगी है। महासभा के दौरान नगरसेवक इस पर अपना क्या रुख रखते है अब शहर के लाखों लोगों की निगाहें इस पर लगी है। 

    चालू वर्ष के अर्थसंकल्प में गृहकर में किसी भी प्रकार की वृद्धि नहीं कि गई है। लेकिन जलापूर्ति में शहर के नागरिकों पर जमकर बोझ डाला गया है। आरसीसी और टियर गर्डर बांधकाम वाले  घरों से अब तक 300 रुपए प्रतिमाह लिए जाते थे अब उनसे 600 रुपए वसूलने के सुझाव बजट में प्रशासन द्वारा दिया गया है। झोपड़पट्टी वाले 150 रुपए देते थे अब उन्हें हर महीने 500 देना होगा। 

    महानगरपालिका को 523 जमा होने की उम्मीद

    महानगरपालिका ने गृहकर से 108 करोड़, जलापूर्ति विभाग से 35 करोड़, एमआरटीपी के अंतर्गत 92 करोड़ रुपए का लक्ष्य रखा है। इसके अलावा अन्य महकमो और अनुदान से महानगरपालिका को 523 जमा होने की उम्मीद है।

    विविध विभागों से 553 करोड़ जमा

    महानगरपालिका में कार्यरत कर्मचारी, अधिकारी और महानगरपालिका संचालित स्कूलों के शिक्षक के वेतन और पेंशन इस तरह 165 करोड़ खर्च होंगे एमआईडीसी के पानी के बिल के रूप में 25 करोड़,  इसी प्रकार महानगरपालिका ने जो कर्जा लिया है उसके 84 करोड़ लौटाने का प्रावधान किया गया है। इस अर्थ संकल्प में प्रॉपर्टी टैक्स के रूप में 108 करोड़ जिला पूर्ति विभाग से 35 करोड़ एमआरटीपी के अंतर्गत 92 करोड़ परवाने शेफालिका के विविध विभागों से 553 करोड़ जमा होने वाले हैं इसमें महानगरपालिका के  बिजली विभाग के लिए 15 करोड़,  कचरा एकत्रित कर उसको डंपिंग ग्राउंड तक पहुंचाने के लिए 20 करोड़, शहर की सड़कों और मूलभूत सुविधाओं के लिए 79 करोड़,  मलनिस्सारण  के लिए 8 करोड़, प्राथमिक शिक्षा के लिए 42 करोड़, बगीचों के सुशोभीकरण के लिए 2 करोड़ प्रावधान किया गया है। 

    महानगरपालिका का राजस्व बढ़ाने के लिए मूल्य आधारित कार्यप्रणाली होगी, अवैध बांधकाम को महानगरपालिका के नियम के अनुसार नियमितीकरण करने, अधिकृत मोबाइल टावरों से फीस वसूलने, होर्डिंग विज्ञापन, फेरीवाले से शुल्क वसूली आदि मदों से उत्पन्न बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।

    - युवराज भदाणे, जनसंपर्क अधिकारी, उल्हासनगर महानगरपालिका

    महिला बाल कल्याण समिति के लिए 10 करोड़

    दुर्बल घटक और पिछड़े वर्ग के कल्याणकारी योजनाओं के लिए 12 करोड़,  टीकाकरण के लिए 1, महानगरपालिका के अस्पतालों की मरम्मत के लिए 10 करोड़, इलेक्ट्रिक के वाहनों की खरीद के लिए डेढ़ करोड़ सौर ऊर्जा के लिए 55 लाख, मेनहोल  की साफ सफाई करने के लिए रोबोट खरीदने के भी इरादा भी अधिकारियों ने रखा है। इसके लिए 1 करोड़, 1 करोड़ की साइकिल भी महानगरपालिका खरीदेगी, इसका भी निर्णय प्रशासन ने लिया है। 

    महानगरपालिका एमआईसीडी से पानी लेकर बाद में महानगरपालिका के माध्यम से जलापूर्ति करती है, एमआईडीसी ने पानी के कुछ रेट बढ़ा दिए है और उनका बकाया भी काफी हो गया है। कुछ वृद्धि कर उससे एकत्रित होने वाले पेसो से पानी का नियमित बिल और पुराना बकाया चुकाने के लक्ष्य के अधीन महानगरपालिका प्रशासन ने यह फैसला लिया है। लेकिन पिछले 2 साल से कोरोना के कारण लोग और दुकानदार आर्थिक संकट के दौर से गुजर रहे है। इसलिए एक जनप्रतिनिधि होने के कारण अपने अन्य नगरसेवकों के साथ महासभा में कोशिश करूंगा कि पानी मंहगा वाला प्रस्ताव रद्द हो।

    - दीपक ( टोनी) शिरवानी, सभापति - स्थायी समिति उल्हासनगर महानगरपालिका