सिडको में कर्मचारी घोटाले के बाद बड़े पैमाने पर किए गए तबादले

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नवी मुंबई: सिडको (CIDCO) में कर्मचारी घोटाले (Employee Scam) पता चलने के बाद बड़ी संख्या में कर्मचारियों के तबादले (Transfers) किए गए हैं। पिछले कई सालों यह कर्मचारी एक ही विभाग में काम कर रहे थे, अब उनका तबादला दूसरे विभाग में कर दिया हैं। तबादला होने वाले कर्मचारियों और अधिकारियों की संख्या 147 बताई गयी है। इन सभी लोगों के तबादले सिडको के प्रबंध निदेशक डॉ. संजय मुखर्जी (Dr. Sanjay Mukherjee) के आदेश पर किए गए हैं। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले सिडको में 29 कर्मचारियों के बोगस होने के पता चला था। यह तबादले उसी के साथ जोड़कर देखा जा रहा हैं। 

सिडको से मिली जानकारी के अनुसार, जिन लोगों के तबादले किए गए हैं उनमें 31 क्लर्क, 16 कार्यालयीन सहायक, 15 क्षेत्र अधिकारी, 13 ड्राफ्टमैन, 14 सर्वेयर, 10 स्टेनोग्राफर और 48 चपरासियों का समावेश है। उल्लेखनीय है सिडको इन दिनों अंतरराष्ट्रीय विमानतल, प्रधानमंत्री आवास, नैनो शहर के विकास के साथ-साथ कई अन्य परियोजनाओं पर काम कर रही हैं।

कोरोना के कारण सिडको का हुआ बड़ा नुकसान

सिडको के अधिकारीयों का कहना है इन तमाम प्रोजेक्टों की वजह से सिडको की आर्थिक हालत ठीक नहीं है। जो परियोजनाएं अभी चल उसके लिए बड़े पैमाने पर कर्ज लिया गया है, जिसे सिडको को अदा करना है। सिडको अधिकारियों का कहना है कोरोना की महामारी की वजह से सिडको को बड़ा नुकसान भी उठाना पड़ा है। साथ ही सिडको की आमदनी भी कम हुई है। सिडको की ख़राब होती आर्थिक हालत को सुधारने के लिए सिडको के प्रबंध निदेशक डॉ. संजय मुखर्जी ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। सिडको का कहना है कि बोगस कर्मचारी घोटाले के बाद प्रबंध निदेशक मुखर्जी ने ऑडिट करने के आदेश भी जारी किए हैं। इसके साथ ही कर्मचारी घोटाले प्रकरण में दोषी को निलंबित करने के आदेश भी दिया गया हैं। 

चार वरिष्ठ अधिकारियों के भी तबादले 

मिली जानकारी के अनुसार, कर्मचारियों के तबादले के साथ साथ सिडको के चार वरिष्ठ अधिकारियों के तबादले भी किए गए हैं। कंपनी सचिव के कामकाज के प्रभार को सिडको के महाव्यवस्थापक को दिया गया है। सिडको में दबी जुबान से इस बात की चर्चा की जा रही है कि तबादले किए गए कुछ लोगों को मलाईदार पोस्टिंग दी गयी है। वे इससे पहले भी जिस विभाग में थे वह पद भी मलाईदार ही था। हालांकि इस तबादले में उन लोगों के भी तबादले किए गए हैं जिनका टर्म अभी बाकी था उन्हें उस विभाग में तीन साल पूरे नहीं हुए हैं, ऐसे कर्मचरियों और अधिकारियों ने नाराजगी भी व्यक्त की हैं।