मनसे ने की सरकारी प्रमाणपत्रों को बनाए जाने की मांग

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कोरोना के कारण नहीं बन पा रहे हैं  जाति, इनकम, डोमेसाइल आदि प्रमाणपत्र 

उल्हासनगर. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के शहर अध्यक्ष बंडू  देशमुख ने सरकारी प्रमाणपत्रों के वितरण की तत्काल शुरुआत करने की मांग की है. हालांकि उल्हासनगर तहसील कार्यालय ने कोरोना की महामारी के कारण पिछले तीन महीनों से आय, डोमेसाइल, जाति आदि प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र सहित विभिन्न सरकारी प्रमाण पत्र जारी करना बंद कर दिया गया है. 

मनसे के शहर अध्यक्ष बंडू देशमुख ने बताया कि उक्त मांग जिलाधिकारी राजेश नार्वेकर और उल्हासनगर के तहसीलदार विजय वकोडे से निवेदन पत्र के माध्यम से की है. मनसे नेता देशमुख ने आगे कहा कि कोरोना जैसी महामारी के कारण कई नागरिक अभी भी घर पर है और विभिन्न सरकारी नौकरियों के लिए सरकारी प्रमाणपत्र की आवश्यकता होती है. लेकिन चूंकि यह विभाग पूरी तरह से बंद है इसलिए नागरिकों को सरकारी प्रमाणपत्र उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं. 

परिणामस्वरूप नागरिकों को विभिन्न कामों के लिए अनिवार्य विविध प्रमाणपत्र मिलने में बाधा आ रही है. इसी क्रम में स्कूलों और कॉलेजों की प्रवेश प्रक्रिया भी जल्द ही शुरू होने वाली है. बच्चों के स्कूलों और कॉलेजों के साथ-साथ छात्रवृत्ति के लिए विभिन्न सरकारी प्रमाणपत्रों की आवश्यकता होती है. प्रमाणपत्र बनाने वाले संबंधित विभाग को तत्काल शुरू किया जाना चाहिए ताकि शहर के नागरिकों को राहत मुहैया हो. जिला अधिकारी को ई मेल और उल्हासनगर तहसीलदार विजय वाकोडे को प्रत्यक्ष मुलाकात कर निवेदन दिया गया. इस अवसर पर  उल्हासनगर को अपने बयान में बंडू देशमुख की मांग की. इस अवसर पर मनसे के शहर अध्यक्ष बंडु देशमुख, अनिल गोधे, तन्मय देशमुख, दीपक राजपूत आदि पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित थे.