Maharashtra government will soon bring a new textile policy, Aslam Shaikh said this about the development of powerloom sector
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    भिवंडी : महावितरण (Mahavitaran) द्वारा 1 मार्च से पावरलूम उद्योग (Powerloom Industry) बिजली सब्सिडी (Electricity Subsidy) पर रोक लगाने की वजह से पावरलूम उद्योग के बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। सब्सिडी बंद होने के कारण पावरलूम उद्योग बंद होने से लाखों लोगों के रोजगार पर रोजगार (Employment) खत्म होने के आसार प्रबल हो गए हैं। महाविकास आघाडी सरकार की कारगुजारी की वजह से पावरलूम उद्योग पर आई विकट संकट से उद्योग जगत से जुड़े लाखों लोगों में सरकार की कार्यप्रणाली के प्रति भारी नाराजगी फैल रही है।

    गौरतलब हो कि महाविकास आघाडी सरकार की कारगुजारी की वजह से पावरलूम उद्योग पर भारी संकट खड़ा हो गया है। महावितरण द्वारा सर्कुलर जारी कर 1 मार्च से पावरलूम उद्योग सहित टेक्सटाइल सम्बंधित तमाम व्यवसाय पर तत्काल प्रभाव से बिजली सब्सिडी पर रोक लगा दी है। बिजली सब्सिडी में रोक लगाए जाने की वजह से पावरलूम व्यवसायियों को पसीना छूट रहा है। पावरलूम उद्योग से जुड़े लोगों का कहना है कि विगत 6-7 वर्षों से रोजगार परक उद्योग पर गंभीर आर्थिक संकट छाया हुआ है।

     सरकार द्वारा उद्योग की बेहतरी के लिए कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। पावरलूम व्यवसायियों की बारंबार अपील के बावजूद  केंद्र और राज्य सरकार द्वारा पावरलूम उद्योग की बेहतरी के लिए कोई भी कारगर टेक्सटाइल पालिसी का ऐलान नहीं किया जा सका है। उद्योग की बेहतरी के लिए कोई कारगर कदम नहीं उठाए जाने की वजह से पावरलूम उद्योग आखरी सांस गिन रहा है। बदहाली के दौर से गुजर रहे पावरलूम उद्योग में बिजली सब्सिडी खत्म कर उद्धव ठाकरे की महा विकास आघाडी सरकार ने आखरी  कील ठोंक दी है।

    बगैर सब्सिडी पावरबिल ग्राहकों को मिलना शुरू

     बिजली कंपनी द्वारा बगैर बिजली सब्सिडी का पावर बिल ग्राहकों को भेजा जाना शुरू हो गया है। कई पावरलूम मालिकों ने दुख प्रकट करते हुए कहा कि सरकार पावरलूम उद्योग को खत्म करने पर जुटी है। पावरलूम उद्योग यार्न सट्टेबाजी, बिजली दरों में भारी वृद्धि की वजह से पहले से ही आखरी सांस गिन रहा है जो अब बिजली सब्सिडी बंद होने से पूर्णतया समाप्त होने की कगार पर खड़ा हो गया है। बिजली सब्सिडी शुरू रहने के दौरान बिजली बिल 2 रुपये 87 पैसा प्रति यूनिट से बढ़कर सब्सिडी खत्म होने के बाद करीब 7 रूपया आया है। सरकार द्वारा ही एक ही झटके में करीब 4 रुपये से अधिक बिजली दरों में की गई वृद्धि से पावरलूम उद्योग को शट डाउन होने से कोई रोक नहीं सकता। बिजली  सब्सिडी शुरू रहने तक  24 लूम का बिल करीब 30 हजार था अब सब्सिडी खत्म होने के बाद करीब 64 हजार से अधिक आने लगा है। कई पावरलूम मालिकों ने बताया कि बिजली सब्सिडी पर लगी रोक से हजारों पावरलूम मालिक पावरलूम व्यवसाय से बेरोजगार  होकर पावरलूम मशीनों को भंगार में बेचने की तैयारी में जुट गए हैं। पावरलूम मालिकों का कहना है कि उद्योग में छाई भयंकर मंदी और बिजली दरों में हुए भारी इजाफे से रोज-रोज मरने से तो अच्छा है कि एक दिन मरो। महावितरण द्वारा बिजली सब्सिडी पर रोक पावरलूम उद्योग को खात्मे की कगार पर खड़ा कर दिया जिससे उद्योग अब कदापि उबर नहीं सकता है। पावरलूम धंधे से तौबा करना ही ठीक रहेगा।

    सरकार नहीं कर रही कोई सुनवाई

     पावरलूम संगठनों का कहना है कि बिजली सब्सिडी पर रोक लगाने के उपरांत सरकार से की गई बैठक का कोई भी सार्थक नतीजा नहीं निकल सका है। विधानसभा अधिवेशन में उप मुख्यमंत्री, वित्त मंत्री अजित पवार ने बिजली सब्सिडी को बहाल करने की बात कही जरूर लेकिन कोई आदेश अभी तक बिजली कंपनी को नहीं मिला है। टेक्सटाइल मंत्री असलम शेख ने भी सब्सिडी बहाली का भरोसा दिया लेकिन कोई सर्कुलर नहीं आने से पावरलूम मालिकों में भारी निराशा और सरकार के प्रति भारी नाराजगी फैली है।

    अधिवेशन के बाद आएगा आदेश

    सरकारी सूत्रों की माने तो बिजली सब्सिडी बहाली का आदेश विधानसभा सत्र खत्म होने के उपरांत आ सकता है। पावरलूम मालिकों की निगाहें सरकार के निर्णय पर टिकी हुई हैं।