ठाणे: शिवसेना (Shiv Sena) में दो फाड़ होने के बाद बने गुट के बीच आज भी ठाणे महानगरपालिका (Thane Municipal Corporation) क्षेत्र के आम शिवसैनिक (Shiv Sainik) और विशेषकर पार्टी की जान समझे जाने वाले शाखा प्रमुख असमंज की स्थिति में है कि वे शिंदे गुट में रहे कि शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) के साथ रहे। क्योंकि वर्तमान समय में राज्य में ठाणे शहर राजनीति का केंद्र बना हुआ है। सूत्रों के अनुसार, ऐसे में अभी आम शिवसैनिक के साथ शिवसेना के शाखा प्रमुख 11 तारीख को सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनाए जाने वाले आदेश की राह देख रहे है।
वैसे यदि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कोपरी-पाचपाखाडी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र पर नजर डाले तो यहां पर करीब 40 शिवसेना शाखाएं है तो 55 के करीब शाखा प्रमुख है। हालांकि, मुख्यमंत्री के इस क्षेत्र के तक़रीबन 65 फीसदी शाखाओं पर उनके समर्थकों का कब्ज़ा है। इस प्रकार से यह कह सकते है कि विधायकों के साथ-साथ अब पार्टी के अन्य कार्यकर्ता भी शिंदे गुट की तरफ जाते दिखाई दे रहे है। जिसमें बड़ी संख्या में शाखा प्रमुखों का भी समावेश है। हालांकि, नाम न छापने के शर्त पर अभी 35 फीसदी शाखा प्रमुख उद्धव ठाकरे के साथ रहने की बात कह रहे है।
66 नगरसेवक शिंदे गुट के साथ
गौरतलब है कि कोपरी-पांच पखाड़ी विधानसभा क्षेत्र से शिवसेना की तरफ से प्रतिनिधित्व करने वाले वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के शिवसेना से अलग होने के बाद से ही पार्टी में घमासान मचा हुआ है। शिंदे गुट खुद को मूल शिवसेना बताने में लगी है। बालासाहेब ठाकरे और धर्मवीर आनंद दिघे के विचारों को आत्मसात कर उन्होंने पार्टी से अलग होने का राग अलापते दिखाई दे रहे है। उधर, शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे खुद को शिवसेना का उत्तराधिकारी मानते हुए पार्टी पर अपना अधिकार होने की बात कह रहे हैं, लेकिन ठाणे की राजनीति कुछ और ही कह रही है क्योंकि ठाणे में 67 नगरसेवकों में से 66 नगरसेवक शिंदे गुट के साथ जाने के बाद अब ठाणे के शाखा प्रमुख भी बड़ी संख्या में टूट रहे है।
शाखाओं पर पुराने शिवसैनिक है शाखा प्रमुख
शाखा प्रमुख ही शिवसेना का मुख्य रीढ़ अब तक रहा है। सूत्रों की मानें तो ठाणे के कोपरी-पांचपखाड़ी विधानसभा क्षेत्र के शिवसेना शाखाओं पर नजर डाले तो अधिकांश शाखाओं पर पुराने शिवसैनिक अर्थात 20 से 25 सालों से कार्यरत हैं, लेकिन कुछ ऐसे भी शाखा प्रमुख जिन्हें बाद में पार्टी की तरफ से शाखा प्रमुख तो बना दिया गया है, लेकिन उन्हें शाखा में बैठने की इजाजत नहीं मिली। जिसके कारण वे खुद शाखा खोलकर बैठ गए हैं।
कई शाखाओं पर झूल रहे ताले
कोपरी-पांचपखाड़ी विधानसभा क्षेत्र में ढाई दर्जन से भी अधिक शाखाओं पर ताले लटके दिखाई दिए। इन शाखाओं में न तो कोई शिवसैनिक नजर आया और न ही शाखा प्रमुख ही दिखाई दिया, जबकि इसके पहले प्रत्येक शिवसेना शाखा में शाखा प्रमुख की उपस्थिति के साथ-साथ अन्य शिवसैनिकों का जमावड़ा लगा रहता था।परी-पांचपखाड़ी विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली शाखाएं
क्षेत्र | शिवसेना शाखा | शाखा प्रमुख |
वागले इस्टेट | 15 | 22 |
कोपरीआनंद नगर | 12 | 15 |
लोकमान्य,सावरकरनगर | 13 | 18 |