The shadow of inflation on people this Diwali

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    भिवंडी : खुशियों के पर्व दीपावली (Diwali) त्यौहार (Festival) में कुछ ही दिन शेष है। वैश्विक कोरोना महामारी (Corona Pandemic) संक्रमण के उपरांत भारी संख्या में टीकाकरण (Vaccinations) होने से लोग स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर काफी हद तक निश्चित हो गए हैं। पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण की वजह से सभी त्योहारों पर शासन द्वारा सार्वजनिक तरीके से मनाए जाने पर पाबंदी लगाई गई थी।

    कोरोना का ग्राफ बेहद कम होने से लोगों में धार्मिक त्योहारों को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है बावजूद भारी महंगाई के कारण लोगों का उत्साह पर पानी फिरता दिखाई पड़ता है। दिवाली के पूर्व लोग खरीददारी करने बाजार निकल तो रहे हैं लेकिन चीजों का दाम सुनकर खरीदी करने से पूर्व मुंह से आह निकल रही है। लोगों का कहना है कि महंगाई आसमान छू रही है। सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है लेकिन खुशियों का पर्व दीपावली त्यौहार मनाना मजबूरी है। 

    गौरतलब है कि दीपों का त्योहार दीपावली आगामी 4 नवंबर को है। करीब 1 सप्ताह पूर्व से ही खरीददारों की भीड़ शहर स्थित प्रमुख बाजारों तीन बत्ती, मंडई, अंजुर फाटा, कामतघर, पद्मानगर आदि स्थित दुकानों में दिखाई पड़ने लगी है। भारी महंगाई के बावजूद लोगों के चेहरों पर त्योहार आने की खुशी दिखाई पड़ने लगी है। पिछले वर्ष कोरोना संकटकाल के कारण सभी धार्मिक त्योहारों पर शासन द्वारा सार्वजनिक तौर पर मनाए जाने से पाबंदी लगाई गई थी जिससे कोई भी धार्मिक त्यौहार नहीं मनाया गया था। दीपावली पर्व पूर्व खरीदारी के  खरीदारी हेतु निकलने वाली भारी भीड़ की वजह से तीन बत्ती, मंडई, बाजार पेठ आदि प्रमुख बाजारों में भारी भीड़ दिखाई पड़ रही है। भारी भीड़ की वजह से बाजारों में यातायात जाम की समस्या भी लोगों को झेलनी पड़ रही है। भारी महंगाई की वजह से लोगों के घरों का बजट बिगड़ गया है। त्यौहार पर कपड़ा, बर्तन, मिठाई आदि समस्त सामान महंगे हो गए हैं। 

    दीपावली पर महंगाई भारी

    रामकुबेर पाल, शिव नारायण सिंह, रामचंद्र सिंह, शिक्षिका सानिका सिंह, देवी पांडे, रामसुमेर त्रिपाठी आदि ग्राहकों ने महंगाई पर तंज कसते हुए कहा कि केंद्र और  राज्य सरकार की नीतियों की वजह से जीवनयापन मुश्किल हो गया है।  भारी महंगाई के कारण अब जरूरी चीजें भी खरीदना मुश्किल हो गया है। महंगाई की वजह से सभी घरेलू जरूरत के सामान 30-40% महंगे हो गए हैं। सभी घरेलू चीजों के दाम बेतहाशा बढ़ गए है। 2 साल पूर्व 500-600 रुपये किलो मिलने वाली मिठाई अब 800-900 में मिल रही है। कपड़े और बर्तन सहित सभी सामानों के दामों में भी भारी इजाफा हुआ है। दीपावली पर्व खुशी का त्यौहार है बावजूद महंगाई की वजह से खुशियां मनाना भी मुश्किल हो गया है। परिवार की खुशियों की खातिर त्योहार पर कपड़ा, मिठाई आदि खरीदना मजबूरी है। दुकानदार ग्राहकों को मंहगाई बता कर लूट रहे हैं। सरकार को महंगाई पर नियंत्रण करने के लिए जरूरी कदम उठाना चाहिए।