वर्धा. जिले की आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने आयटक व सीटू की अगुवाई में हड़ताल शुरु कर दी है. 25 दिन से नियमित रुप से आंदोलन चल रहा है. गुरुवार, 28 दिसंबर को जिला परिषद के समक्ष आंगनवाड़ी कर्मचारियों ने चटणी-भाकरी आंदोलन कर सरकार व प्रशासन का ध्यान खींचा. साथ ही सरकार के विरोध में जोरदार घोषणाबाजी की गई. आयटक राज्य सचिव दिलीप उटाणे व सीटू के राज्य उपाध्यक्ष यशवंत झाड़े के मार्गदर्शन में आंदोलन शुरु है.
वेतनश्रेणी, ग्रैच्युइटी, भविष्य निर्वाह निधि आदि सामाजिक सुरक्षा दी जाये़ आंगनवाड़ी सेविका व सहायिका को शीघ्र मानधन वृध्दि घोषित करें, मानधन महंगाई निर्देशांक से जोड़कर हर छह माह में इसमें निर्देशांक अनुसार वृध्दि करें, महिला व बालविकास मंत्री से हुई चर्चा में दिये गये आश्वासनों की पूर्तता करें, आहार का मूल्य आम बालकों के लिये 16 रुपये तथा अतिकुपोषित बालकों के लिये 24 रुपये करें, केंद्र सरकार के 5 जुलाई 2018 के शासन निर्णयानुसार प्रधानमंत्री जीवन ज्योती बीमा योजना, प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता बीमा योजना शीघ्र लागू करें सहित विविध मांगों को लेकर हड़ताल चल रही है.
जिप के समक्ष हाथ में चटणी, भाकरी दिखाकर महिलाओं ने घोषणाबाजी की. आंदोलन में मैना उईके, शबाना पठाण, अरुणा बाराहाते, रेखा कोठेकर, कमल डबले, करून शंभरकर, कुसुम तडस, चंदा मेश्राम, ज्योति लोखंडे, मीना ढोके, वंदना बाचले, शोभा सायंकाल, सीमा फुलझले, सुलभा तिरभाने, नीता येकोनकर, इरफान पठाण, मुक्ता खंडाते, विजया पावडे, वंदना कोलणकर, ज्ञानेश्वरी डंभारे, मंगला इंगोले, सुरेखा रोहनकर सहित बडी संख्या में महिला कर्मचारी शामिल हुई थी.