
वर्धा. हिंगनघाट स्थित बस स्थानक के सामने पिछले 45 वर्ष से दूकान लगाकर नागरिक अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे है़ं उक्त अतिक्रमण से किसी को भी कोई परेशानी नहीं है़ फिर भी कुछ लोगों के दबाव में आकर नगर परिषद ने अतिक्रमण हटाकर अन्याय किया है, ऐसा आरोप लगाते हुए संबंधितों पर कार्रवाई की मांग को लेकर व्यवसायियों ने बहुजन समाज पार्टी के नेतृत्व में पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर दस्तक दी.
45 वर्षों से जमाए हैं कारोबार
निवेदन के अनुसार बहुजन दूकानदार संगठन के सभी सदस्यों के दूकान हिंगनघाट स्थित बस स्थानक के सामने नजूल प्लाट क्रमांक 458/4 ब्लॉक क्रमांक 12 में उत्तर व पश्चिम मार्ग की सीमा से दूर है़ पीढ़ियों से व्यवसायी किसी की भी परेशानी के बिना 45 वर्ष से उक्त दूकानों के माध्यम से अपने परिवार का पालन पोषण कर रहे है़ं इस दौरान कुछ लोगों के दबाव में आकर नगरपरिषद ने की कार्रवाई अन्यायकारक होने का आरोप व्यवसायियों ने लगाया है.
जमीन का दुरुपयोग होने का आरोप
उक्त जमीन यह नजूल सरकार के मालकियत की है़ संदर्भ क्रमांक 6 अनुसार ब्रिटिश कार्यकाल में 1938 में नजूल ने द यूनायटेड नार्दर्न ट्रस्ट प्रियरोज सोसायटी हिंगनघाट के ए.वी. बांभल को उक्त जमीन किराए से दी थी़ जमीन सरकार ने केवल चर्च के उपयोग के लिए किराए पर दी थी़ जगह के व्यावसायिक उपयोग को लेकर संस्था के सदस्य एक-दूसरे से विवाद कर रहे है़ं ऐसे में जमीन परस्पर तीसरे व्यक्ति राणा कन्स्ट्रक्शन कंपनी को बेची गई़ जमीन का दुरुपयोग होने से जांच की मांग की गई है.
नप का हस्तक्षेप गैरकानूनी
जमीन परस्पर एक-दूसरे को बेची जा रही है़ ऐसे में आरोपी व साथियों ने जेसीबी के माध्यम से 13 मई को दूकानों का अतिक्रमण हटाया तथा सामग्री कब्जे में की़ उक्त जमीन यह नजूल अर्थात जिलाधिकारी क्षेत्र में आती है़ इसके बावजूद नगर परिषद के मुख्याधिकारी, नगर परिषद के इंजीनियर व अधिकारियों ने उपस्थित थे़ नप प्रशासन का हस्तक्षेप गैरकानूनी होने का आरोप निवेदन के माध्यम से लगाया है़ संबंधितों पर अपराध दर्ज करें, अन्यथा तीव्र आंदोलन किया जाएगा. यह चेतावनी बहुजन समाज पार्टी की ओर से दी गई है़ इस अवसर पर बीएसपी जिला अध्यक्ष मोहन राईकवार, जिला जोन प्रभारी नितेश कांबले, जिला महासचिव अनोमदर्शी भैसारे, संगठन मंत्री दिनेश वाणी, बी़ व्ही़ एफ. संयोजक विजय ढोबले, सिद्धार्थ ढेपे, मिलिंद शंभरकर व बहुजन दूकानदार संगठन के सभी सदस्य उपस्थित थे.