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प्रतीकात्मक तस्वीर

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वर्धा. दूष्कर्म के मामले में आरोपी को 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई़ साथ ही जुर्माने की सजा सुनाई गई है. जुर्माना नहीं भरने पर अतिरिक्त सजा का प्रावधान किया गया है. पीड़िता को पुनर्वसन के लिए मुआवजा देने का भी आदेश दिया है. यह निर्णय दोनों पक्षों की दलिले सुनने के बाद जिला न्यायाधीश -2 तथा अति.सत्र न्यायाधीश आर.व्ही.आदोने द्वारा दिया गया है.

जानकारी के अनुसार फरियादी पीड़िता के पिता ने सेलू पुलिस थाने में शिकायत दर्ज की थी़  जिसमें उनकी 17 वर्षीय बेटी पीड़िता को 2  सितंबर 2020 को सुबह 8 बजे से 12 बजे के दौरान किसी को कुछ न बताते हुए घर से चली गई थी़  गांव में सर्वत्र खोजबीन करने के बावजूद वह नहीं मिली. उसे अज्ञात आरोपी ने भगाकर ले जाने की शिकायत पुलिस थाने में दी थी़  जिसके आधार पर पुलिस थाना सेलू ने अपराध दर्ज कर जांच शुरू की. पीड़िता यह 5 मार्च 2021 को सेलू पुलिस थाना में पहुंची तथा आरोपी ओमप्रकाश शेडमाके के साथ उसके प्रेमसंबंध होने की जानकारी दी.

आरोपी शेडमाके ने शादी करने की बात कही थी़  आरोपी ने कहा था की, पीड़िता के पिता उसके पास है, अगर घर नहीं आयी तो उसे जान से मार दूंगा, ऐसी धमकी दी़  जिसके बाद घबराई पीड़िता यह आरोपी के घर गई़  आरोपी शेडमाके यह पीड़िता को पांढरकवडा में परिजनों के यहां लेकर गया. एक महिना वहां रखा. इसके बाद आरोपी ने किराएं से रुम की तथा वहां शारीरिक संबंध स्थापित किए़  कुछ दिनों बाद पीड़िता को वहां से दूसरी लड़की के साथ प्रेम होने की बात कहकर जाने को कहा, ऐसी शिकायत में दर्ज किया. मामले की प्रथम जांच पुलिस उपनिरीखक सौरभ घरड़े व फिर महिला पुलिस उपनिरीक्षक प्रिती आडे पोक्सों सेल ने की. आरोपी के खिलाफ पुख्ता सबुत मिलने से न्यायालय में दोषारोप पत्र दाखल किया.

सरकार की ओर से जिला सरकारी अभियोक्ता गिरीष वी तकवाले ने कामकाज देखा तथा युक्तिवाद किया़  मामले की प्रथम पैरवी विक्रम कालमेघ, पैरवी पुलिस हवालदार संजय चावके ने कुछ गवाहदार प्रस्तुत कर अपनी भूमिका अदा की़  सरकार की ओर से कुल 14 लोगों की गवाही जांची गई़  आरोपी ने उसका बचाव के लिए 2 लोगों की गवाही दी़  इस मामले में पीड़िता, उसके पिता, वैद्यकिय अधिकारी व अन्य गवाहों की गवाई व सरकारी पक्ष का युक्तिवाद सुनकर जिला न्यायाधीश तथा अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश आर.व्ही.अदोने ने सजा सुनाई है.