अवकाश आंदोलन में डटे शिक्षक, शिक्षक दिवस पर सुनी रहीं स्कूलें

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वर्धा. शिक्षकों को शिक्षा के अलावा अतिरिक्त कामकाज सौंपे जा रहे है़ इससे अध्यापन के कार्य में बाधा उत्पन्न होने का आरोप लगाते हुए महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति के नेतृत्व में शिक्षकों ने डा. बाबासाहब आंबेडकर चौक में अवकाश आंदोलन किया़  आंदोलन के चलते शिक्षक दिवस पर अधिकांश स्कूलें सुनी रही़.

जिले के करीब 1,274 शिक्षक आंदोलन का हिस्सा बने. सालभर चलने वाले मतदाता पंजीयन के काम, विविध सर्वेक्षण, ऑनलाइन-ऑफलाइन जानकारी, प्रशिक्षण-शिक्षण परिषद, हर रोज होने वाली लिंक्स, अनिवार्य किये गए एप्स, जांच-परीक्षा-उपक्रमों के काम के साथ विद्यार्थियों का अध्यापन होता है. परंतु इन अतिरिक्त कामों के कारण अध्यापन का काम प्रभावित हो रहा है. पहले ही स्कूलों में शिक्षकों की कमी है. सरकारी स्कूलों की हालत गंभीर बनी है. एक ही शिक्षक तीन से चार कक्षाओं को पढ़ा रहे है.

विविध मांगों की ओर खींचा गया ध्यान

90 प्रतिशत स्कूलों में मुख्याध्यापक नहीं है. इसके अलावा पुरानी पेंशन योजना लागू करने, ग्रामीण अंचल में शिक्षकों के लिए सरकार निवास बनाने, नई शिक्षक भरती प्रक्रिया चलाने सहित आदि मांगें शिक्षकों ने की.

आंदोलन में महाराष्ट्र राज्य शिक्षक समिति के राज्याध्यक्ष विजय कोंबे, राज्य कार्यकारिणी सदस्य नरेंद्र गाडेकर, जिलाध्यक्ष रामदास खेकारे, मनीष ठाकरे, अतुल उडदे, अजय काकडे, चंद्रशेखर ठाकरे, प्रशांत निंभोरकर, सुधीर सगणे, संतोष डंभारे, शीतल बालसराफ, यशवंत कुकडे, श्रीकांत अहेरराव, श्रीकांत केंडे, प्रदीप देशमुख आदि प्रमुख पदाधिकारियों के नेतृत्व में बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल थे.