तीसरे दिन भी हड़ताल रही जारी, तख्तियां दिखाकर किया निषेध

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    वर्धा. विदर्भ अशासकीय महाविद्यालयीन शिक्षकेतर कर्मचारी संगठन के अंतर्गत जिले के अनुदानित अशासकीय मवि में कार्यरत शिक्षकेतर कर्मियों ने बेमियादी हड़ताल शुरू कर दी है़ जिलाधिकारी कार्यालय के समक्ष 3 रें दिन ठिया आंदोलन किया गया़  2 जून 1995 के शासन निर्णय सहित राज्य शासकीय कर्मियों को 1994 से 12 वर्ष सेवा के बाद समयबध्द पदोन्नति योजना लागू की गई़ यह समयबध्द योजना विद्यापीठ व इससे जुड़े महाविद्यालयीन कर्मियों को 1 अक्टूबर 1997 से लागू की गई थी़ आगे 1 जुलाई 2001 से उक्त योजना सेवांतर्गत आश्वासित प्रगति योजना के रूप में बदली गई़  सभी कर्मियों को शासन निर्णय 7 नवंबर 2006 के तहत लागू की गई थी़  इसके बाद हकीम समिति की सिफारिश के अनुसार 6 वें वेतन आयोग के तहत आश्वसित प्रगति योजना 7 अक्टूबर 2009 की अधिसूचना के तहत लागू की गई थी़  इसके बाद योजना में वित्त विभाग ने कुछ संशोधन कर बदलाव किए.

    मवि के शिक्षकेतर कर्मियों ने खींचा ध्यान

    पश्चात शासन निर्णय 1 अप्रैल 2010 व 28 दिसंबर 2010 में विद्यापीठ व मवि कर्मियों को योजना लागू की गई़  दोनों निर्णय में किये गए बदलाव पर वित्त विभाग की अनौपचारिक मान्यता नहीं ली गई़  इस तकनीकि कारण से उच्च व तकनीकि शिक्षा विभाग ने वित्त विभाग के निर्देश पर 7 दिसंबर 2018 व 16 फरवरी 2019 के शासन निर्णय के अनुसार पूर्व प्रभाव से रद्द कर दिया. पश्चात 13 व 14 दिसंबर 2021 को दो दिन विभागीय सहसंचालक कार्यालय समक्ष श्रृंखला अनशन भी किया था़  इसके बावजुद भी सरकार ने विचार नहीं किया़ मवि शिक्षकेतर कर्मचारियों को रद्द की गई सेवांतर्गत आश्वासित प्रगति योजना पुर्नजीवित कर लागू करने, राज्य 7 वें वेतन संशोधन समिति-2017 की सिफारिश के अनुसार सरकारी कर्मियों की तर्ज पर तीन लाभ की योजना लागू करने सहित अन्य महत्वपूर्ण मांगों पर सरकार कर ध्यान खींचा गया.

    विभागीय कार्याध्यक्ष उपासे ने किया नेतृत्व 

    आंदोलन में विभागीय कार्याध्यक्ष दिलीप उपासे, जिलाध्यक्ष संजय तामगाडगे, सचिव अन्वर खान, कोषाध्यक्ष अनुप मून, उपाध्यक्ष राजा मेश्राम, सहसचिव मंगेश गिरडे, गजानन ढोले, रवि थूल, पांडुरंग हजारे, प्रभाकर कामडे, राजेंद्र दांडेकर, अरविंद तांदले, विनय मून, दिनेश भगत, अजय लोखंडे, प्रशांत सातपुते, मेहबूब, चव्हाण, मेहुल मोरे, श्रीकांत येंडे, शुभांगी ढोरे, शर्मिला कुलकर्णी, वंदना गायकवाड, संध्या करनाके, रजनी पजई, तारा देशमुख, गायत्री देशमुख, गायत्री महत्वाने, प्रेमानंद अंबादे, आशीष रोकडे, विनोद झोडपे, किशोर चव्हाण, प्रमोद वानखेड़े, प्रशांत साबले, राजेंद्र ब्राम्हणकर, आशीष गिरडे, आकाश चांदूरकर, साहेब गुडधे, अविनाश मते, किरण बडवाईक, आनंद डुकरे, अशोक हिंगणकर, प्रफुल दरने,  देवेंद्र नगराले, नरेश आगलावे, भोजराज मुंजेवार, विजय राऊत, भगवान गुजरकर, विजय चौधरी, मनोज उईके, सेवानिवृत्त कर्मचारी अनिल पोखरे, अशोक इंगले, विनोद बावणे, मनोहर येतेकर, पुंडलिक बावणे आदि ने हिस्सा लिया.