
वाशिम. जिले के विविध पुलिस थाना की हद के भगाकर ले जानेवाले लड़कियों की खोज व जांच में प्रलंबित रहनेवाले मामले की जांच करके इन लड़कियों की खोज करने के लिए इस प्रकरण में यहां के अनैतिक मानवी परिवहन प्रतिबंधक कक्ष की ओर वर्ग किए जाते है. ऐसे मामले में पीड़ित लड़कियों की खोज लेने के लिए यहां के अनैतिक मानवी परिवहन प्रतिबंधक कक्ष दिन रात परिश्रम करते है. इस पृष्ठभूमि पर दीर्घ काल से अपहृत व भगाकर ले जानेवाली लड़कियों की खोज लगाने में यहां के अनैतिक मानवी परिवहन प्रतिबंधक कक्ष को सफलता प्राप्त हुई है.
इस में पिछले 3 वर्षो से प्रलंबित 2 अपहरण के मामले में की अपहृत बालिका व आरोपीं को इस कक्ष ने खोज कर ली है. गतवर्ष भी इस कक्ष ने उत्कृष्ट जांच करते हुए अनेक वर्षो से प्रलंबित 12 मामले उजागर किए थे. कारंजा पुलिस थाने में 3 वर्षो से फरार आरोपी को कर्जत जि. रायगड से हिरासत में लेकर पीड़िता को मुक्त करके उनके परिवार वालो को सौंप दिया.
इसी प्रकार से मंगरुलपीर पुलिस थाने के आरोपी को तलोजा कैम्प, मुंबई से हिरासत में लेकर पीड़िता की मुक्तता करके उनके परिवार वालो को सौंप दिया है. वर्ष 2020 से जांच प्रलंबित रहनेवाले दोनों मामले अनैतिक मानवी परिवहन प्रतिबंधक कक्ष के दल ने उजागर किए है. इस में अब आरोपियों पर अगली कार्यवाई शुरू की गई है. यह कार्रवाई जिला पुलिस अधीक्षक बच्चन सिंह, कारंजा के उपविभागीय पुलिस अधिकारी जगदीश पांडे के मार्गदर्शन में स्वाती इथापे, रजनी सरकटे, संदीप निखाडे, उज्ज्वला गायकवाड, रेखा कांबले ने की है.