यवतमाल: जिले में अभी भी भारी बारिश नहीं हुई है. मंगलवार को भी दिन भर बारिश का दौर जारी रहा. इसी प्रकार मंगलवार 18 जुलाई तक 196.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है. इस बीच मौसम विभाग ने जिले में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है और अगले 24 घंटे में भारी बारिश की संभावना जताई है.
पिछले साल मृग नक्षत्र की शुरुआत में ही जिले में भारी बारिश हुई थी. 18 जुलाई तक 525.8 मिमी बारिश हो चुकी थी. जून और जुलाई में औसत से अधिक वर्षा हुई. लेकिन इस साल बारिश देर से आई. उसमें भी बारिश ने अपेक्षित जोर नहीं पकडा है. मंगलवार की सुबह तक जिले में महज 3.5 मिमी ही औसत बारिश हुई. 18 जुलाई तक 196.6 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गई है. मंगलवार को भी सुबह से ही बारिश का दौर जारी रहा. लेकिन बारिश में कोई ज़ोर नहीं था. इसलिए, परियोजना, नदी, नहरें वास्तव में अभी तक प्रवाहित नहीं हुई हैं. इस बीच मौसम विभाग ने मंगलवार को जिले के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
अब तक 1 हजार हेक्टेयर से ज्यादा फसल का नुकसान
जिले में खरीफ सीजन की बुआई मृग नक्षत्र यानि 8 जून से शुरू होती है. इस वर्ष लंबे समय तक बारिश नहीं होने के कारण जिन किसानों ने बुआई की थी उन्हें दो बार बुआई करनी पड़ी. बारिश के कारण यवतमाल, नेर, दारव्हा, दिग्रस और सर्कलों में भारी बारिश हुई. इससे किसानों की कृषि योग्य भूमि नष्ट हो गई. बारिश का पानी बीज के साथ-साथ मिट्टी भी बहा ले गया. अब तक 1,000 हेक्टेयर से ज्यादा फसल बर्बाद हो चुकी है. भारी बारिश से प्रभावित मंडलों को छोड़कर पूरे जिले में भारी बारिश नहीं हुई. सिर्फ बारिश की रिप रिप जारी है.
यवतमाल तहसील में सर्वाधिक वर्षा
यवतमाल तहसील में अब तक जिले में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है. इसमें कुल 279.9 मिमी बारिश हुई है. बाभुलगांव में 145.7, कलंब में 155.5, दारव्हा में 206.9, दिग्रस में 227.7, आर्णी में 251.6, नेर में 240.4 पुसद में 138.9, उमरखेड़ में 167.3, महगांव में 189.9, वणी में 169.7, मारेगांव में 179.6, झरीजामणी में 162.9, केलापुर में 263.3, घाटंजी में 193.5 और रालेगांव तहसील में 159.5 मिमी बारिश हुई है.
कपास,सोयाबीन, तुअर का सर्वाधिक नुकसान
जिले में निरंतर बारिश के चलते कपास, तुअर और सोयाबीन फसल का बडे पैमाने पर नुकसान हुआ है. किसानों ने मदद की गुहार प्रशासन से लगायी है.