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    बेंगलुरु: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार द्वारा प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर लगे प्रतिबंध को बरकरार रखा है। अदालत ने बुधवार (30 नवंबर) को पीएफआई पर केंद्र सरकार के प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया। कर्नाटक राज्य के पीएफआई नेता ने केंद्र के फैसले को चुनौती देते हुए कर्नाटक उच्च न्यायालय में गुहार लगाई थी। 

    न्यायालय के जज एम नागप्रसन्ना की सिंगल जज बेंच ने नासिर पाशा नाम के एक PFI कार्यकर्ता की ओर से उनकी पत्नी के माध्यम से दायर याचिका पर आदेश सुनाया। बता दें कि, नासिर पाशा फिलहाल न्यायिक हिरासत में है। 

    अदालत ने इससे पहले सोमवार को इस मामले में सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था। अदालत में दायर याचिका में पीएफआई और उसके सहयोगियों पर पांच साल की अवधि के लिए प्रतिबंध लगाने पर याचिकाकर्ता द्वारा सवाल उठाया गया था। 

    अदालत में याचिकाकर्ता की और से पेश हुए वकील ने कहा कि, केंद्र सरकार इस प्रतिबंध को सही ठहराने में विफल रहा है। दायर याचीका में कहा गया है कि, केंद्र ने अपराध की विभिन्न घटनाओं पर निर्णय लिया और यह संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत अल्पसंख्यकों के मौलिक अधिकार पर अंकुश लगाता है। याचिका के मुताबिक, 2007-08 में, पीएफआई को कर्नाटक सोसायटी पंजीकरण अधिनियम के तहत पंजीकृत किया गया था और यह समाज के कमजोर वर्ग के सशक्तिकरण के लिए काम कर रहा था।