केरल सरकार के मंत्री ने ‘के-रेल’ परियोजना पर चिंताओं को दूर करने का दिया आश्वासन

    Loading

     मलप्पुरम/ केरल: केरल (Kerala) में प्रस्तावित सिल्वरलाइन परियोजना या ‘के-रेल’ (K-Rail’ project) पर विपक्षी दलों तथा अन्य की आलोचना के बीच, मंत्री एम वी गोविंदन  (MV Govindan) ने रविवार को कहा कि सरकार ने इसका गंभीरता से संज्ञान लिया है और चिंताओं को दूर करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

    सिल्वरलाइन के संबंध में यहां आयोजित एक बैठक में स्थानीय स्वशासन मंत्री ने कहा कि चिंताओं को देखते हुए, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे। इस बीच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के. सुधाकरन ने कहा कि केरल सरकार द्वारा शनिवार को प्रकाशित डीपीआर ने, ‘के-रेल’ के विरुद्ध उनकी पार्टी के रुख को सही ठहराया है।

    गोविंदन ने बैठक में कहा, ‘‘किसी को हमारी आलोचना करने से रोकने का हमारा कोई उद्देश्य नहीं है। वास्तव में, हमने सभी आलोचनाओं का गंभीरता से संज्ञान लिया है और डीपीआर में आवश्यक बदलाव करेंगे। के-रेल की ओर से भी इसका आश्वासन दिया गया है। सरकार आशंकाओं को दूर करेगी और के-रेल परियोजना को लोगों तथा पर्यावरण के अनुकूल तरीके से पूरा करेगी।”

    उक्त परियोजना के पूरा होने पर तिरुवनंतपुरम से कासरगोड के बीच दूरी 12 घंटे की बजाय चार घंटे में तय की जा सकेगी। ‘के-रेल’ परियोजना की डीपीआर में अनुमानित लागत 63,941 करोड़ रुपये बताई गई है। लगभग 530 किलोमीटर लंबी सिल्वरलाइन परियोजना 11 जिलों से होकर जाएगी।  (एजेंसी)