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ज्ञानवापी मस्जिद (फाइल फोटो)

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वाराणसी: वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सर्वे को लेकर अहम्स फैसला सुनाया है। अदालत ने ASI के सर्वे को मंजूरी दे दी है। कोर्ट ने विवादित हिस्से (वजू खाने) को छोड़ कर पूरे परिसर की ASI सर्वे करने की इजाजत दे दी है। 

इस मामले में हिन्दू पक्ष की और से पैरवी कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि कोर्ट ने ASI सर्वे का आदेश दे दिया है। विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मेरा आवेदन मंजूर कर लिया गया है और अदालत ने वजू टैंक को छोड़कर (जिसे सील कर दिया गया है) पुरे ज्ञानवापी मस्जिद परिसर का एएसआई सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया है। ASI इस सर्वे की रिपोर्ट जिला जज को 4 अगस्त को देगा।

ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हमारा कहना था कि उस पूरे क्षेत्र का ASI द्वारा सर्वेक्षण करना चाहिए। आज कोर्ट ने हमारे उस आवेदन पर सहमति दे दी है और अब ASI ही इस मामले की दिशा और दशा को निर्धारित करेगा। शिवलिंग का सर्वेक्षण नहीं होगा। उसका मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है जिसकी अगली सुनवाई 29 अगस्त को है। मगर शिवलिंग को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वेक्षण होगा। 

ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि कोर्ट ने एएसआई सर्वेक्षण के लिए हमारे प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया गया है। यह मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। 

गौरतलब अगस्त 2021 में पांच महिलाओं ने स्थानीय अदालत में एक याचिका दायर की थी जिसमें मस्जिद परिसर के अंदर स्थित मां श्रृंगार गौरी स्थल पर नियमित पूजा के अधिकार की मांग की गई थी। अप्रैल 2022 में दिवानी न्यायाधीश (सीनियर डिवीजन) की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वेक्षण का आदेश दिया था। मुस्लिम पक्ष के विरोध के बीच सर्वेक्षण अंततः मई 2022 में पूरा हुआ था। इसी दौरान हिंदू पक्ष ने मस्जिद परिसर के अंदर वजू के लिए बने तालाब में ‘शिवलिंग’ मिलने का दावा किया था, वहीं मुस्लिम पक्ष ने इसे फव्वारा बताया था।