लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) ने महिला कार्यकर्ताओं के हित में बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने शनिवार को कहा कि, राज्य में किसी भी महिला कार्यकर्ता को उसकी लिखित सहमति के बिना सुबह 6 बजे से पहले और शाम 7 बजे के बाद काम करने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। योगी सरकार के इस ऐलान के बाद अब महिलाओं की नाइट शिफ्ट खत्म हो गई है। यह नियम सरकारी और प्राइवेट सेक्टर दोनों पर लागू होगा। योगी सरकार ने इसे लेकर अधिसूचना जारी की है।
यूपी सरकार की अधिसूचना के अनुसार, महिला कर्मचारियों को उपरोक्त घंटों के दौरान काम करने पर मुफ्त परिवहन, भोजन और पर्याप्त पर्यवेक्षण प्रदान किया जाना चाहिए।
Uttar Pradesh | No female worker shall be bound to work without her written consent before 6am & after 7pm; to also be provided free transportation, food & sufficient supervision, if working during the aforementioned hours: Govt pic.twitter.com/b6cSOXnJm3
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 28, 2022
अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि, अगर किन्हीं कारणों से किसी महिला कर्मचारी की ड्यूटी शाम 7 से सुबह 6 के बीच में लगानी है तो इसके लिए उसकी लिखित अनुमति लेनी पड़ेगी। अगर बिना महिला की सहमति के रात के वक्त में उसकी ड्यूटी लगाई तो सीधे कार्रवाई होगी। वहीं, कोई महिला शाम 7 बजे के बाद काम करने से मना करती है, तो कंपनी या संस्था उसको नौकरी से नहीं निकाल सकती है।
अपर मुख्य सचिव श्रम सुरेश चन्द्रा ने जारी अधिसूचना में कहा कि, महिला की लिखित सहमति के बाद, शाम 7 से सुबह 6 बजे के बीच काम कर सकती हैं, उस दौरान कंपनी या कंपनी या संस्था को घर से ऑफिस और ऑफिस से घर तक के लिए निशुल्क परिवहन वहां उपलब्ध करना होगा। यदि अगर कोई भी कंपनी ऐसा नहीं करती है तो इसे श्रम कानून का उल्लंघन माना जाएगा। जिसकी वजह से जुर्माना से लेकर जेल की भी सजा हो सकती है। मुख्य सचिव ने इस आदेश को सभी जिलों में सख्ती से लागू करने के आदेश दे दिया है।
उल्लेखनीय है कि, प्रदेश सरकार के इस फैसले से प्राइवेट सेक्टर, कॉल सेंटर, होटल इंडस्ट्री और रेस्त्रां में काम करने वाली महिलाओं को बड़ी राहत मिल जाएगी। क्योंकि इन संस्थाओं में ज्यादातर नाइट ड्यूटी का रोस्टर बना होता है, जिससे महिलाओं कई तकलीफों से गुजरना पड़ता है।