लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में प्रचंड जीत कर दोबारा वापसी की है। 1985 के बाद पहली बार कोई पार्टी लगातार दो बार चुनाव जीतकर सरकार बना रही हैं। इस बड़ी जीत के बीच एक बड़ा झटका भी लगा है। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य अपनी सिराथू सीट से हार गए हैं। समाजवादी पार्टी की पल्लवी पटेल ने उन्हें 7337 वोट से हराया।
पल्लवी केंद्रीय राज्य मंत्री और अपना दल (एस) की राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल के छोटी बहन है। सपा प्रत्याशी को 106278 वोट मिले, वहीं केशव प्रसाद को 98941 वोट से संतोष करना पड़ा। इसी के साथ उन्हें 7337 से हार का सामना करना पड़ा।
जनता का जनादेश स्वीकार
सिराथू से हारने के बाद केशव प्रसाद ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, “सिराथू विधानसभा क्षेत्र की जनता के फ़ैसले को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूँ,एक एक कार्यकर्ता के परिश्रम के लिए आभारी हूँ,जिन मतदाताओं ने वोट रूपी आशीर्वाद दिया उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ।”
सिराथू विधानसभा क्षेत्र की जनता के फ़ैसले को विनम्रतापूर्वक स्वीकार करता हूँ,एक एक कार्यकर्ता के परिश्रम के लिए आभारी हूँ,जिन मतदाताओं ने वोट रूपी आशीर्वाद दिया उनके प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करता हूँ,
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) March 10, 2022
पहले से लगाई जा रही थी हार की आशंका
भाजपा ने जब से केशव प्रसाद को सिराथू से उम्मीदवार उतारा था, तब से ही उनके हारने की चर्चा शुरू हो गई थी। वहीं सपा द्वारा पल्लवी पटेल को चुनाव में उतार कर उन्हें कड़ी टक्कर दे दी। दरअसल, कृष्णा पटेल की अपना दल (कमेरावादी) ने इस चुनाव में सपा के साथ गठबंधन किया था। जिसके तहत सिराथू सीट पर पल्लवी पटेल को उम्मीदवार बनाया गया, हालांकि सपा ने उन्हें अपना सिंबल पर चुनाव लड़ने को कहा था। पहले जहां उन्होंने इनकार कर दिया था लेकिन फिर उन्होंने चुनाव लड़ने की हामी भर दी।
2012 में जीता था चुनाव
सिराथू केशव की पारंपरिक सीट रही है। 2012 के विधानसभा चुनाव में वह पहली बार इस सीट से चुनाव जीतकर विधानसभा के सदस्य पहुंचे थे। लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में फूलपुर सीट से जीतने के बाद उन्होंने इस सीट से इस्तीफा दे दिया था।