
नई दिल्ली: भारत में जातिगत जनगणना (OBC Census 2021) के मसले पर लंबे समय से सियासी संग्राम जारी है। तमाम तरह की अटकलों के बीच केंद्र की मोदी सरकार ने अपना स्टैंड साफ कर दिया है। देश की सबसे बड़ी अदालत में एक हलफनामा दायर कर केंद्र ने कहा कि जनगणना में ओबीसी जातियों की गिनती एक लंबा और कठिन काम है इसलिए इसे 2021 की जनगणना में शामिल नहीं किया जाएगा। केंद्र के इस रुख के बाद जो पार्टियां इसकी मांग कर रही थी उन्हें बड़ा झटका लगा है। इन सब के बीच अब यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने बीजेपी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि भाजपा ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में हक नहीं देना चाहती है।
बता दें कि भाजपा सरकार ने लम्बे समय से चली आ रही ‘ओबीसी’ समाज की गणना की माँग को ठुकरा कर साबित कर दिया है कि वो ‘अन्य पिछड़ा वर्ग’ को गिनना नहीं चाहती है क्योंकि वो ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में उनका हक़ नहीं देना चाहती है। धन-बल की समर्थक भाजपा शुरू से ही सामाजिक न्याय की विरोधी है।
अखिलेश यादव का ट्वीट-
भाजपा सरकार ने लम्बे समय से चली आ रही ‘ओबीसी’ समाज की गणना की माँग को ठुकरा कर साबित कर दिया है कि वो ‘अन्य पिछड़ा वर्ग’ को गिनना नहीं चाहती है क्योंकि वो ओबीसी को जनसंख्या के अनुपात में उनका हक़ नहीं देना चाहती है।
धन-बल की समर्थक भाजपा शुरू से ही सामाजिक न्याय की विरोधी है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 25, 2021
गौरतलब है कि इससे पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सहित कई नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी। साथ ही इन नेताओं ने जाति आधारित जनगणना की मांग की थी। वैसे पिछले कुछ समय से जातिगत जनगणना की मांग देश में तेज हुई है। यूपी-बिहार सहित कई अन्य राज्यों में इस तरह की मांग उठाई गयी है।