koo app and ODOP

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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Govt.) ने अपनी महत्वाकांक्षी परियोजना एक जिला एक उत्पाद (ODOP) के तहत उत्पादों के प्रचार के लिए स्वदेशी माइक्रो ब्लागिंग एप कू (Koo App) के साथ करार किया है। इस करार के बाद अब भारत की 10 भाषाओं में ओडीओपी का प्रमोशन होगा। ओडीओपी से जुड़ी सामग्री और उत्पादों को कू के जरिए 10 भारतीय भाषाओं में प्रचार-प्रसार का मंच मिलेगा।

    इसके लिए सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम और निर्यात प्रोत्साहन विभाग ने माइक्रो ब्लागिंग एप ‘कू’ के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया है। इससे अब उत्तर प्रदेश के उत्पादों को प्रमोट करने में मदद मिलेगी। उत्तर प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम एवं निर्यात प्रोत्साहन विभाग के अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल और कू के सह-संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी अप्रमेय राधाकृष्ण ने समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया। इसके तहत कू अपने यूजर्स के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए ओडीओपी से जुड़ी सामग्री और उत्पादों का 10 भाषाओं में प्रचार-प्रसार का मंच प्रदान करेगा। इसके अलावा, कू कॉर्पोरेट सेक्टर में उपहार देने के लिए भी ओडीओपी के उत्पाद भी खरीदेगा।

    यूपी के कारीगरों के पास और बड़ा बाजार उपलब्ध होगा

    इस बारे में जानकारी देते हुए एमएसएमई अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल ने कहा कि कू के साथ यह जुड़ाव हमारे ओडीओपी उत्पादों को बड़े यूजर्स तक पहुंचाने में मदद करेगा और कई क्षेत्रीय भाषाओं में ओडीओपी के विषय में बातचीत को बढ़ावा देगा। इस एमओयू के जरिए से गैर-अंग्रेजी भाषी कारीगरों और लोगों तक ओडीओपी से जुड़े कार्यक्रमों और योजनाओं तक पहुंच हो जाएगी। साथ ही उत्तर प्रदेश के स्थानीय कारीगरों के पास और बड़ा बाजार उपलब्ध हो जाएगा। इससे उन्हें अपना व्यवसाय बढ़ाने में मदद मिलेगी। कू ऐप पर उपलब्ध ओडीओपी हैंडल  पर जाकर इसके बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकेगी।

     2018 में ओडीओपी की शुरुआत हुई थी 

    गौरतलब है कि एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) की शुरुआत 2018 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने की थी। जिसका उद्देश्य उत्तर प्रदेश के स्थानीय कारीगरों को उनके उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करना, उनकी मार्केटिंग और ब्रांडिंग में मदद करके स्वदेशी उत्पादों और शिल्पकारों को प्रोत्साहित करना है। ओडीओपी के उत्पादों की बिक्री के लिए देश के प्रमुख हवाई अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर स्टाल स्थापित किए जा रहे हैं। उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए कई प्रमुख ऑनलाइन विपणन कंपनियों के साथ करार भी किया गया है।

    यूपी की गिनती एक अग्रणी राज्य के तौर पर होती है

    कू के सह-संस्थापक अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा  कि जब भी ओडीओपी के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को विश्व स्तर पर बढ़ावा देने की बात आती है तो यूपी की गिनती एक अग्रणी राज्य के तौर पर होती है। हमारे लिए स्थानीय कारीगरों और उनके शिल्प को विभिन्न भाषाओं में शेष भारत में बढ़ावा देने में मदद करना खुशी की बात है।