Azam Khan
Azam Khan, File Photo : PTI

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    नई दिल्ली: इलाहाबाद हाई कोर्ट ( Allahabad High Court) ने समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ  नेता आजम खान (Azam Khan) को लंबे समय के बाद जमानत दे दी है। अदालत ने खान की जमानत याचिका को मंजुर कर लिया है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान को वक्फ बोर्ड की संपत्ति गलत तरीके से अपनी यूनिवर्सिटी को ट्रांसफर कराने के मामले में दो महीने के लिए अंतरिम जमानत दे दी है। कोर्ट ने कहा है कि ‘शत्रु संपत्ति’ पर कब्जा करना गलत था। यह जमीन अर्धसैनिक बल को सौंप दी गई है। हालांकि, आजम खान अभी भी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे। वे अभी भी सीतापुर जेल में रहेंगे।

    आजम खान के वकील सफदर काजमी ने बताया कि,  इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 मई तक विवादित संपत्ति सौंपने की शर्त के साथ सपा नेता आजम खान को अंतरिम जमानत दे दी है। इस मामले का निपटारा कर दिया गया है लेकिन वह इस हफ्ते हुई एक अलग घटना के कारण जेल से बाहर नहीं आएंगे। 

    88 दर्ज मामलों से 87 मामलों में मिल चुकी है जमानत 

    मिली जानकारी के अनुसार, आजम खान के खिलाफ पर तीन दिन पहले ही फर्जी दस्तावेजों की मदद से तीन स्कूलों को मान्यता दिलाने से संबंधित मामले में एक केस दर्ज किया गया है। आजम खान के खिलाफ यह केस रामपुर में दर्ज किया गया है। खान के खिलाफ यह मामला बीजेपी के नेता आकाश सक्सेना ने दर्ज कराया था। अभी इस मामले पर सुनवाई नहीं हुई है। इसलिए उन्हें जेल से बाहर आने के लिए और इंतजार करना होगा। आजम खान को अभी तक 88 दर्ज मामलों से 87 मामलों में जमानत मिल चुकी है और एक मामला अभी भी लंबित है। खबरों के अनुसार, इस मामले में सुनवाई 19  मई को होने वाली है। 

    2020 से जेल में बंद है आजम खान 

    उल्लेखनीय है कि, सपा के कद्दावर नेता और विधायक आजम खान को फरवरी 2020 में गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद से वे सीतापुर जेल में बंद हैं। बता दें कि, आजम खान ने 2019 में अपना दबदबा बरक़रार रखते हुए रामपुर से लोकसभा का चुनाव जीता था। वहीं, उन्होंने 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में  भी बहुमत के साथ जीत हासिल की।