Minister A. K. Sharma

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    लखनऊः उत्तर प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री  ए.के. शर्मा (A.K. Sharma) ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) के कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में प्रदेश सरकार नागरिकों की समस्याओं के त्वरित समाधान के लिए तत्परता से कार्य कर रही है। प्रदेशवासियों को बेहतर विद्युत आपूर्ति (Power Supply) के साथ-साथ 24 घंटे बिजली मिले, इसके लिए ऊर्जा विभाग गंभीरता से कार्य कर रहा है। पूरी विद्युत व्यवस्था को नए सिरे से ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है, इसके लिए ओवर लोडिंग ट्रांसफार्मर, फीडर एवं उपकेंद्रों की क्षमता बढ़ाई जा रही है। 

    शर्मा ने कहा कि बार-बार होने वाली ट्रिपिंग को रोकने के लिए नई तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। 40 से 50 साल पुराने जर्जर और झूलते तारों को एवं जर्जर व पुराने खंभों को भी हटाया जा रहा है। साथ ही प्रदेश में हो रहे लाइन लास को कम करने एवं विद्युत चोरी को रोकने के भी प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश के सभी उपभोक्ता योगी सरकार का सहयोग करने के लिए ईमानदारी से अपना विद्युत बिल समय से जमा करें, तो इस वर्ष की भांति आने वाले वर्षों में भी उनको बिजली संकट का सामना नहीं करना पड़ेगा। प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए तापीय ऊर्जा के साथ साथ वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों को भी बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है।

    मांग के अनुरूप विद्युत आपूर्ति की जाएगी

    ऊर्जा मंत्री ने बताया कि विद्युत कार्मिकों के अथक परिश्रम से विगत जुलाई माह में उत्तर प्रदेश के इतिहास में सबसे ज्यादा मांग के अनुरूप 26,537 मेगावाट की विद्युत आपूर्ति की गई, जो कि विद्युत आपूर्ति के मामले में महाराष्ट्र के बाद देश में दूसरे नंबर पर है। उन्होंने कहा कि आज जहां कई प्रदेशों में बिजली का संकट उत्पन्न हुआ है, वहीं हमारे प्रदेश में नागरिकों को बिजली संकट के दौरान भी भारी राहत दी गई। उन्होंने कहा कि एनएलडीसी और एसएलडीसी की रिपोर्ट के आधार पर पीक डिमांड के समय महाराष्ट्र में सर्वाधिक 28,846 मेगावाट, उत्तर प्रदेश में 26,537 मेगावाट, गुजरात में 21,382 मेगावाट, तमिलनाडु में 17,563 मेगावाट तथा राजस्थान में 16,012 मेगावाट की विद्युत आपूर्ति की गई। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश को मांग के अनुरूप विद्युत आपूर्ति की जाएगी, इसके लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर पर युद्ध स्तर पर कार्य किया जा रहा है। हमारे प्रदेश की ऊर्जा खपत में भी विगत वर्ष के सापेक्ष 27.11 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। आने वाले समय में बेहतर ढांचागत सुविधाएं बढ़ाकर हमारा प्रदेश देश में नंबर 1 ऊर्जा खपत करने वाला प्रदेश बनेगा।

    ट्रिपिंग में कमी आई

    ऊर्जा मंत्री ने बताया कि भीषण गर्मी एवं उमस में भी उपभोक्ताओं को बेहतर आपूर्ति देने के लिए ढांचागत व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है, इससे जहां ट्रांसफार्मर के क्षतिग्रस्त होने तथा ट्रिपिंग में कमी आई है। उपभोक्ताओं की शिकायतों को प्राथमिकता के तौर पर समाधान करने के लिए 18 मई, 2022 को ’सम्भव’ पोर्टल की शुरूआत की गई और अब तक 12,053 शिकायतों का निस्तारण किया गया। 1 जून, 2022 को ’एकमुश्त समाधान योजना’ के माध्यम से 38 लाख से अधिक बकायेदार उपभोक्ताओं को राहत प्रदान की गई। विद्युत उत्पादन इकाइयों के बेहतर संचालन से विद्युत उत्पादन में 36 प्रतिशत तथा पीएलएफ में 21 प्रतिशत की वृद्धि हुई। वितरण एवं पारेषण क्षेत्र में सुधार के लिए कई उपकेंद्रों का निर्माण कार्य पूर्ण कर ऊर्जीकृत किया गया। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहली बार उपभोक्ताओं के बिजली बिल में प्रति यूनिट 50 से 60 पैसा तक की ऐतिहासिक कमी की गयी।

    कोयला संकट के बावजूद बिजली का संकट नहीं हुआ

    ए.के. शर्मा ने कहा कि भीषण गर्मी के दौरान अनेक राज्यों में कोयला का भीषण संकट उत्पन्न हो जाने से विद्युत व्यवस्था चरमरा गई थी। फिर भी उत्तर प्रदेश में कोयला संकट के बावजूद विगत वर्षों के सापेक्ष विद्युत उत्पादन इकाइयों को केंद्र सरकार के सहयोग से ज्यादा कोयला की आपूर्ति की गई, जो कि गत वर्ष के सापेक्ष 25 लाख मीट्रिक टन अधिक है और कोयला खपत भी गत वर्ष के सापेक्ष 22.86 लाख मीट्रिक टन अधिक हुआ। उन्होंने कहा कि इससे जहां प्रदेशवासियों के सामने बिजली का संकट नहीं पैदा हुआ और हमारी व्यवस्था भी सुचारू रूप से चलती रही।