UPCOP Mobile App

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    लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार (Yogi Govt.) आम नागरिकों की सहूलियत का पूरा ध्यान रख रही है। खासतौर पर कानून व्यवस्था चाक चौबंद करने के साथ-साथ सरकार का प्रयास है कि लोगों को कानून की सेवा झटपट मिल सके। इसके लिए लोग चौकी और थानों के चक्कर न लगाएं। इसी के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश पुलिस (Uttar Pradesh Police) की वर्चुअल एप्लीकेशन ‘यूपीकॉप’ (UPCOP) की शुरुआत की गई थी।

    योगी सरकार के पहले कार्यकाल में प्रयास किया गया था कि उत्तर प्रदेश पुलिस लोगों की ‘मित्र’ बनकर उन्हें सेवाएं प्रदान करे। सरकार का यह प्रयास दूसरे कार्यकाल में फलीभूत होता नजर आ रहा है। इसका उदाहरण है कि यूपीकॉप एप (UPCOP App) को बीते 3 माह में 15 लाख से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है। 3 माह पहले तक यह संख्या महज 10 लाख थी जो अब बढ़कर 25 लाख से ज्यादा हो गई है। यह इस बात का परिचायक है कि उत्तर प्रदेश सरकार की वर्चुअल पुलिस पर आम लोगों का भरोसा तेजी से बढ़ रहा है। 

    3 माह में दर्ज की गईं कई उपलब्धियां 

    अपर पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवाएं) मोहित अग्रवाल के मुताबिक, यूपी पुलिस पर आम नागरिकों का भरोसा लगातार बढ़ रहा है। यूपीकॉप के डाउनलोड की संख्या ही नहीं, बल्कि इस पर उपलब्ध सेवाओं का भी लोग इस्तेमाल कर रहे हैं। एफआईआर डाउनलोड की संख्या जो तीन माह पूर्व सिर्फ 60 लाख थी, वह बढ़कर 1.24 करोड़ पहुंच गई है। ई-एफआईआर और सामान खोने की रिपोर्ट की संख्या में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यही नहीं, सत्यापन सेवाओं का गत 3 माह में लगभग 4 लाख लोगों द्वारा प्रयोग किया गया। पूर्व में यह संख्या सिर्फ 15 से 20 हजार प्रतिमाह रहती थी। 

    27 तरह की सेवाएं 

    अपर पुलिस महानिदेशक (तकनीकी सेवाएं) मोहित अग्रवाल के मुताबिक, यूपीकॉप मोबाइल एप सर्वाधिक लोकप्रिय एप बना हुआ है। गूगल के प्ले स्टोर पर इसे 4.3 की स्टार रेटिंग मिली है। इस एप की मदद से उत्तर प्रदेश पुलिस की 27 तरह की सेवाओं का लाभ बिना थाने या चौकी जाए उठाया जा सकता है। इनमें ई-प्राथमिकी पंजीकरण, एफआईआर देखने और डाउनलोड करने, खोई वस्तु का पंजीकरण, चुराए गए या बरामद किए गए वाहन का विवरण, खराब व्यवहार की सूचना देना, चरित्र प्रमाण पत्र, किरायेदार सत्यापन, घरेलू सहायता सत्यापन, कर्मचारी सत्यापन, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, जुलूस अनुरोध, विरोध या हड़ताल पंजीकरण अनुरोध, इनामी अपराधियों की फोटो सहित विवरण, अज्ञात शव का विवरण, लापता व्यक्तियों की फोटो सहित विवरण और साइबर जागरूकता के बारे में जानकारी और वाहन एनओसी प्राप्त करने जैसी सुविधाओं का लाभ लिया जा सकता है। 

    ई-एफआईआर कराना आसान 

    मुख्य रूप से अज्ञात अभियुक्तों के विरुद्ध ई-एफआईआर के जरिए बिना थाना गए कहीं से भी मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है। एफआईआर की कॉपी मोबाइल पर प्राप्त की जा सकती है। ई-एफआईआर के तहत 6 तरह के मामलों में पंजीकरण हो सकता है। इनमें चोरी (चैन, पर्स, मोबाइल, वाहन), लूट, नकबजनी, साइबर अपराध, जाली भारतीय मुद्रा और नाबालिग बच्चों की गुमशुदगी शामिल है। प्रदेश की अधिकाधिक जनता के भाषायी हितों को देखते हुए इसे हिंदी और अंग्रेजी में देखने का विकल्प उपलब्ध है।  

    बैन कर पाएंगे गैरकानूनी एप 

    सेवाओं के साथ-साथ एप में कई और अनोखी सुविधाएं भी उपलब्ध हैं। इन्हीं में से एक है अनइंस्टॉल बैन्ड एप। यदि आपके फोन पर गलती से कोई ऐसी एप डाउनलोड हो गई है, जो सरकार की सूची में नहीं है या फिर गैरकानूनी है तो इस फीचर के इस्तेमाल से आप उस एप को अनइंस्टॉल कर पाएंगे।