-राजेश मिश्र
लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में योगी मंत्रिमंडल के सहयोगियों का इस्तीफा (Resign) जारी है और 24 घंटे की भीतर भाजपा (BJP) को दूसरा झटका लगा है। मंगलवार को श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) के इस्तीफे के बाद बुधवार को वन मंत्री दारासिंह चौहान (Forest Minister Dara Singh Chauhan) ने भी दलित एवं पिछड़े वर्ग को न्याय नहीं दिला पाए इसलिए इस्तीफा दे दिया। उन्होंने कहा कि जिस दलित व पिछड़े वर्ग के वोट से भाजपा की सरकार बनी उनकी पूरे पांच साल कोई सुनवाई नहीं हुई। दारासिंह ने कमोबेश योगी सरकार (Yogi Govt.)और नेतृत्व पर वही आरोप लगाये जो कल स्वामी प्रसाद लगा चुके थे। इस बीच, दारासिंह चौहान को मनाने की भी भाजपा शीर्ष नेतृत्व द्वारा हुई, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। उधर, बसपा में रहने के दौरान धार्मिक भावना भडकाने के आरोप में स्वामी प्रसाद मौर्य पर गैर जमानती वारंट कोर्ट द्वारा जारी हो चुका है।
योगी सरकार में वन, पर्यावरण एवं जन्तु उद्यान मंत्री रहे दारा सिंह चौहान ने मंत्री पद से इस्तीफा देते हुए अपना इस्तीफा राजभवन भेज दिया है। इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा कि योगी सरकार में पिछड़ों, वंचितों, दलितों, किसानों और बेरोजगार नौजवानों के साथ के प्रति उपेक्षात्मक रवैया अपनाया गया। उन्होंने योगी सरकार पर दलितों व पिछड़ों के आरक्षण से खिलवाड़ करने का भी आरोप लगाया। सपा में जाने के सवाल पर उन्होंने स्वामी प्रसाद की ही तरह बयान दिया कि अपने समर्थकों और शुभचिंतकों से बात करके निर्णय लिया जाएगा।
अपने निर्णय पर पुनः विचार कीजिये: केशव प्रसाद मौर्य
परिवार का कोई सदस्य भटक जाये तो दुख होता है जाने वाले आदरणीय महानुभावों को मैं बस यही आग्रह करूँगा कि डूबती हुई नांव पर सवार होनें से नुकसान उनका ही होगा
बड़े भाई श्री दारा सिंह जी आप अपने फैसले पर पुनर्विचार करिये— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) January 12, 2022
उधर दारा सिंह के इस्तीफे के बाद उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने तवीत के माध्यम से दारा सिंह से पुनः अपील की बात कही। उन्होंने लिखा कि “डूबती हुई नाव पर सवार होने से इनका ही नुकसान, बड़े भाई दारासिंह जी एकबार अपने निर्णय पर पुनः विचार कीजिये”। उधर कैबिनेट मंत्री नंदगोपाल नंदी ने कहा कि दारासिंह ने अपना दिमाग नहीं लगाया उनका इस्तीफा कॉपीपेस्ट है, जनता इनको माफ़ नहीं करेगी इनकी नैतिकता कहाँ गयी।
2015 में भाजपा में हुए थे शामिल
दारा सिंह चौहान इसके पहले बहुजन समाज पार्टी में एमएलसी और राज्य सभा सदस्य रहे। फिर समाजवादी पार्टी में ज्वाइन किए और घोसी सीट से सांसद बन गए। 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद वो 2015 में बीजेपी में आए और मऊ ज़िले की मधुबन सीट से विधायक व योगी कैबिनेट में मंत्री बने। पूर्वांचल के लोनिया चौहान बिरादरी से आने वाले दारासिंह चौहान अक्टूबर 2015 में अमित शाह की उपस्थिति में भाजपा ज्वाइन किये और ओबीसी मोर्चे के अध्यक्ष बनाये गये। स्वामी प्रसाद मौर्य के इस्तीफे के बाद से ही दारासिंह के इस्तीफे की खबरें आने लगी थीं और मंगलवार को भाजपा शीर्ष नेतृत्व द्वारा उनको मनाने की भी कोशिश हुई, लेकिन बात नहीं बन सकी और बुधवार को इस्तीफा हुआ।
स्वामी प्रसाद मौर्य के पार्टी छोड़ने के बाद शुरु हुआ इस्तीफे का दौर
बताते चलें कि मंगलवार को श्रम एवं सेवायोजन मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था और उनके इस्तीफे के साथ ही उनके करीबी माने जाने वाले तीन अन्य विधायकों ने भी बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था। मंगलवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पूर्व मंत्री के साथ अपनी एक तस्वीर ट्विटर पर साझा कर उनका सपा में स्वागत किया। मौर्य के इस्तीफे के बाद बांदा जिले के तिंदवारी विधानसभा सीट से विधायक बृजेश कुमार प्रजापति, शाहजहांपुर जिले के तिलहर विधानसभा सीट से विधायक रोशन लाल वर्मा और कानपुर देहात के बिल्हौर सीट से विधायक भगवती सागर ने भी बीजेपी से इस्तीफा दे दिया था।