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    लखनऊ: अंतरराष्ट्रीय मिलेट ईयर-2023 (International Millet Year-2023) में मोटे अनाज (बाजरा, ज्वार, सावां, कोदो, रागी आदि) किसी न किसी रूप में हर आम और खास की थाली का हिस्सा बनें, यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की मंशा है। इसके लिए मिलेट्स द्वारा तैयार किए जाने वाले प्रसंस्कृत (प्रोसेस्ड) उत्पादों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। ये उत्पाद नाश्ते, लंच, ब्रंच या डिनर के लिए स्पेसिफिक हंगर (किसी खास तरह के खाद्य पदार्थ की मांग) बनें। इसके लिए प्रसंस्कृत उत्पादों को स्थानीय लोगों की उम्र और स्वाद के पसंद के अनुरूप होना होगा। 

    योगी सरकार (Yogi Government) का इन सभी पहलुओं पर फोकस है। मसलन, मिलेट्स की प्रोसेसिंग इकाइयां लगाने वालों को सरकार की तरफ से 100 फीसदी अनुदान दिया जाएगा। इनके डिशेज होटल और रेस्तरां के मीनू में शामिल किए जाएंगे। इनसे कैसे स्वादिष्ट व्यंजन बनें, इसके लिए नामी शेफ्स समय-समय पर टिप्स देंगे। इस बाबत प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी।

    मंडियों में अलग से आउटलेट्स होंगे

    अधिकतम जगहों पर मोटे अनाजों की बिक्री सुलभ हो, इसके लिए मंडियों में अलग से आउटलेट्स (जगह) होंगे। इनके कारोबार के लिए वहां अलग से दुकानों का भी आवंटन किया जाएगा। ग्राम्य विकास विभाग इसका ब्लॉकों से लेकर ग्राम पंचायतों एवं वहां के हॉट-बाजारों तक इसको विस्तार देगा।

    बेसिक शिक्षा के पाठ्यक्रम में भी शामिल होंगे मिलेट्स

    बच्चे अपने इन परंपरागत अनाजों और इनकी खूबियों के बाबत जानें, इसके लिए मिलेट्स को प्राइमरी स्कूलों के पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाएगा। वास्तव में सरकार की मंशा अलग अलग प्रयासों से समग्र रूप में मिलेट्स की डिमांड बढ़ाने की है और बढ़ी मांग को पूरा करने के लिए उत्पाद के रूप में गुणवत्तापूर्ण माल की भी जरूरत होगी। इसके लिए एफपीओ (फार्मर्स प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) के जरिए रकबा एवं उत्पादन बढ़ाने का भी काम होगा। साथ ही ये बीज का भी उत्पादन करेंगे।

    किसानों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

    प्रगतिशील किसानों को प्रदर्शन के लिए बीज के निःशुल्क और खेती के इच्छुक किसानों को केंद्र और उत्तर प्रदेश सरकार की संस्थाएं राष्ट्रीय बीज निगम, उत्तर प्रदेश बीज विकास निगम आदि के जरिए अनुदानित बीज दिया जाएगा। खेती के उन्नत तौर- तरीकों के माध्यम से बेहतर उत्पादन के लिए कृषि विश्वविद्यालयों से संबद्ध कृषि विज्ञान केंद्र, उप्र राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान रहमानखेड़ा में किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। किसान भाई देख कर सीखें, इसके लिए समय समय पर फील्ड डे एवं एक्सपोज़र विजिट के भी आयोजन होंगे। ये वे जगहें होंगी जहां मिलेट्स की खेती और मूल्य संवर्धन पर कार्य करने वाले प्रतिष्ठित अनुसंधान संस्थान होंगे।

    जी-20 के मेहमानों की थाली की शोभा बढ़ाएंगे मिलेट्स के लजीज पकवान

    उत्तर प्रदेश में फरवरी 2023 से लेकर अगस्त के अंत के दौरान जी-20 की करीब दर्जन भर बैठकें होनी है। इसमें से आधा दर्जन बैठकें महादेव की काशी, तीन ताजनगरी आगरा, बाकी लखनऊ और ग्रेटर नोएडा में होंगी। इनमें आने वाले मेहमानों को भी मिलेट्स के लजीज व्यंजन परोसे जाएंगे। यह एक तरह से इनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग भी होगी। सरकार यह भी सुनिश्चित करेगी कि इन अनाजों का न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद भी हो। इसी तरह हर विभाग में समय समय पर होने वाले राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय कार्यक्रम में मिलेटस के उत्पाद की ब्रांडिंग करेंगे। यह नाश्ते, भोजन के रूप में हो सकता है। गिफ्ट हैंपर के रूप में भी।

    मिलेट्स को लोकप्रिय बनाने की अन्य योजनाएं

    • मिड-डे मील, बाल पुष्टाहार, पीडीएस कार्यक्रम में मिलेट्स के विभिन्न उत्पाद सम्मिलित होंगे।
    • स्वयं सहायता समूहों को मिलेट्स के उत्पाद तैयार करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा। 
    • एनआरएलएम द्वारा चयनित आंगनबाड़ी और पोषित आहार में मिलेट्स भी शामिल होंगे।