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    लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लखनऊ (Lucknow) में यजदान बिल्डिंग (Yazdan building) को तोड़ने की करवाई शुरू हो गई है। भारी सुरक्षा के बीच बिल्डिंग को तोड़ने का काम शुरू किया गया है। आवंटियों की तरफ से दाखिल याचिका पर लखनऊ हाई कोर्ट (Lucknow High Court) ने बिल्डिंग ध्वस्तीकरण (demolition) पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार किया था। जिसके बाद इमारत को तोड़ने का काम शुरू किया गया है। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है।

    लखनऊ विकास प्राधिकरण यजदान बिल्डिंग को गिराए जाने के बारे में अतिरिक्त सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा ने कहा कि उन्होंने विकास प्राधिकरण के समक्ष नक्सा पेश किया था। यह उन्हें जारी नहीं किया गया था लेकिन फिर भी उन्होंने निर्माण शुरू कर दिया। जब उन्हें एनओसी नहीं मिली थी तो उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था।

    एक स्थानीय फ्लैट मालिक ने कहा कि हमारे इसमें 3 फ्लैट थे। हमें हमारा पैसा वापिस चाहिए। RERA ने इस बिल्डिंग का रजिस्ट्रेशन कैसे किया? LDA को इस बिल्डिंग की असलीयत पता करने में 5-6 साल लग गए। LDA यह कार्रवाई अपनी कमियां छुपाने के लिए कर रही है। इसमें LDA ज़िम्मेदार है।

    बता दें कि यजदान अपार्टमेंट में अपने सपने का घर खरीदने के लिए 45 लाख रुपये देकर फैजल ने अपने पहले फ्लैट की रजिस्ट्री 25 जून 2018 को करायी थी। उनको छह माह के भीतर फ्लैट का कब्जा मिलना था। इस कारण परिवार को लेकर वह जापलिंग रोड स्थित एक अपार्टमेंट में 50 हजार रुपये प्रतिमाह किराए पर रहने लगे।  मामला कोर्ट पहुंचा था। आवंटियों की तरफ से दाखिल याचिका पर लखनऊ हाई कोर्ट ने बिल्डिंग ध्वस्तीकरण पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार किया था। आखिरकार इमारत को तोड़ने का काम शुरू हो गया है।