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दिल्ली: अनुसंधानकर्ताओं ने एक अध्ययन में बताया है कि कैसे ‘एपस्टीन-बार वायरस’ (ईबीवी) शारीरिक तरल पदार्थों के माध्यम से आसानी से फैलता है, और यह न केवल कैंसर पैदा करने के लिए जीनोमिक कमजोरियों का फायदा उठाता है, बल्कि इसे नियंत्रित करने की शरीर की क्षमता को भी कम कर देता है।

कभी-कभी पुन: सक्रिय हो जाता है वायरस 

अमेरिका के सैन डिएगो स्थित कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि दुनिया की 90% से अधिक आबादी EBB से संक्रमित हुई है, आम तौर पर बचपन के दौरान। उन्होंने कहा कि इसके कारण होने वाले अधिकतर संक्रमण हल्के होते हैं और गुजर जाते हैं लेकिन वायरस शरीर में निष्क्रिय अवस्था में बना रहता है और कभी-कभी पुन: सक्रिय हो जाता है। ईबीवी शारीरिक तरल पदार्थ, मुख्य रूप से लार, चुंबन, पेय पदार्थ साझा करने या खाने के समान बर्तनों का उपयोग करने जैसी गतिविधियों के माध्यम से आसानी से फैलता है।

यूसी सैन डिएगो स्कूल ऑफ मेडिसिन के प्रोफेसर डोन क्लीवलैंड ने कहा कि यह वायरस जीनोमिक खामियों का फायदा उठा सकता है जो संभवत: ल्यूकेमिया पैदा करने वाले ऑन्कोजीन को सक्रिय कर सकता है और ट्यूमर को नियंत्रित करने वाली शारीरिक क्षमता को कम कर सकता है। अध्ययन के परिणाम ‘नेचर’ पत्रिका में प्रकाशित हुए हैं। (एजेंसी)