schools, parks, etc. closed in Thailand after Bangkok sees rise in corona cases again

Loading

न्यूयार्क: कोविड-19 (Covid-19) के गंभीर लक्षणों के साथ अस्पताल (Hospital) में भर्ती और रक्त प्रवाह (Blood Flow) में संक्रमण का सामना कर रहे मरीजों की जान को अत्यधिक खतरा है। एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। हालांकि, अध्ययन के ये नतीजे उपचार की नयी रणनीतियों का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।

‘क्लीनिकल इंफेक्शियस डिजिजेज’ (Clinical Infectious Diseases) जर्नल में प्रकाशित अध्ययन कोविड-19 के गंभीर लक्षणों के साथ अस्पताल में भर्ती और रक्त प्रवाह में संक्रमण का सामना कर रहे मरीजों में सूक्ष्म जीव विज्ञान, खतरे के कारण और परिणामों का आकलन करने वाला पहला अध्ययन है।

अध्ययन में अमेरिका (America) के रटगर्स विश्वविद्यालय (Rutgers University) के अनुसंधानकर्ताओं (Researchers) ने मार्च से लेकर मई 2020 तक कोविड-19 (Covid-19) के 375 गंभीर मरीजों के स्वास्थ्य (Health) का आकलन किया। उन्होंने समूह से 128 नमूनों की जांच की जिनमें रक्त प्रवाह में संक्रमण था, उनमें 92 प्रतिशत संक्रमण जीवाणु से था।

विश्विवद्यालय की ओर से अध्ययन की सह लेखक पिंकी भट्ट (Pinky Bhatt) ने कहा, ‘‘इन मरीजों के अत्यधिक मानसिक तनाव में रहने, ऑक्सीजन सकेंद्रण की कम मात्रा रहने की संभावना को लेकर उन्हें गहन चिकित्सा इकाई (आईसीयू) में भर्ती किया गया था।” वैज्ञानिकों के मुताबिक जिन मरीजों को बाहर से अतिरिक्त ऑक्सीजन चढ़ाए जाने की जरूरत थी, उनमें रक्त प्रवाह संक्रमण की अधिक समस्या थी।

अध्ययन में शामिल वैज्ञानिकों ने कहा कि अस्पताल में भर्ती ऐसे मरीजों की मृत्यु दर 50 प्रतिशत से अधिक थी। अध्ययन के मुताबिक, अध्ययन में शामिल किए गए मरीजों में 80 प्रतिशत को अस्पताल में भर्ती रहने के दौरान कभी न कभी ‘एंटीमाइक्रोबियल’ (Antimicrobial) दिया गया, यह उन्हें भी दिया गया जिन मरीजों के रक्तप्रवाह में संक्रमण नहीं था।

भट्ट ने कहा कि यह समझने के लिए और अधिक अध्ययन किए जाने की जरूरत है कि कोविड-19 के गंभीर मरीजों में रक्त प्रवाह संक्रमण के बारे में कब संदेह करें और कब उसका इलाज करें।