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कराची. अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल (Daniel Pearl) को अगवा कर उनकी हत्या के मामले में अलकायदा नेता अहमद उमर सईद शेख (Ahmed Omar Sayed Sheikh) और उसके तीन सहायक शनिवार को जेल से बाहर आएंगे। पाकिस्तान (Pakistan) की एक अदालत ने मामले में दोषी ठहराए गए और सजा प्राप्त शेख और उसके तीन सहयोगियों – फहद नसीम, सलमान साकिब एवं शेख आदिल – को बृहस्पतिवार को रिहा करने का आदेश दिया था ।इधर पाकिस्तान की इस हरकत पर अमेरिका (America) अब  भड़क गया है। अमेरिका कहना है कि यह बहुत गंभीर मामला है और इसे सहन नहीं किया जा सकता।

क्या है मामला:

दरअसल सिंध उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति के के अगा की दो सदस्यीय पीठ ने सुरक्षा एजेंसियों को शेख और अन्य आरोपियों को किसी भी तरह हिरासत में नहीं रखने का निर्देश दिया और उनकी हिरासत से संबंधित सिंध सरकार की सभी अधिसूचना को अमान्य करार दिया। अदालत ने उन सबकी हिरासत को ‘‘अवैध” करार दिया था। जेल अधीक्षक के मुताबिक चारों को बृहस्पतिवार को कराची सेंट्रल जेल से रिहा नहीं किया जा सका क्योंकि जेल प्रशासन को सिंध उच्च न्यायालय का आदेश बहुत देर से मिला। देश में शुक्रवार को सार्वजनिक अवकाश होने के कारण चारों को अब शनिवार को रिहा किया जाएगा। ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख पर्ल को 2002 में अगवा कर लिया गया था और उनका सिर कलम कर दिया गया था। यह घटना उस वक्त हुई थी जब वह पाकिस्तान में खुफिया एजेंसी आईएसआई और आतंकी संगठन अलकायदा के बीच जुड़ाव पर खबरों के लिए तफ्तीश कर रहे थे।

कौन थे डेनियल पर्ल:

बता दें किडेनियल पर्ल अमेरिकी पत्रकार थे। 2002 में वो आतंकी संगठनों पर एक इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट करने पाकिस्तान गए थे। इसी दौरान उन्हें अगवा किया गया और बाद में उनका सिर कलम कर दिया गया था। इस मामले में चार आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। वहीं पर्ल की हत्या के सिलसिले में चार आतंकियों अहमद उमर शेख, फहद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब को गिरफ्तार किया गया था। ये सभी कथित तौर पर 18 साल से जेल में थे। लेकिन, सिंध हाईकोर्ट ने इनकी रिहाई के आदेश दिए और अब ये  सभी जेल से बाहर आ जायेंगे।

अमेरिकी हुआ सख्त: 

इसके साथ ही बताया जा रहा है कि पकिस्तान ने न केवल इन आतंकियों को रिहा कर रहा है बल्कि एग्जिट कंट्रोल लिस्ट (ECL) से भी इन चारों का नाम हटवा दिया है। इसका मतलब ये हुआ कि अब ये चारों आतंकी बिना किसी रोकटोक के अब देश से बाहर भी घूम सकेंगे। इधर अमेरिकी विदेश विभाग के विशेष मंत्रालय कहना है कि- “हम इन आतंकियों की रिहाई पर बहुत फिक्रमंद हैं। इन लोगों ने एक अमेरिकी नागरिक और पत्रकार की बेरहमी से हत्या कर दी थी। हम अब इस पुरे हालात हालात पर पैनी नजर बनाए हुए हैं। पर्ल के परिवार को इंसाफ दिलाना अब हमारी जिम्मेदारी है। इस तरह की चीजें कभी भी सहन नहीं की जा सकतीं हैं।” गौरतलब है कि 38 साल के पर्ल उस वक्त ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के लिए काम करते थे।