Sarabjit Singh Sarfaraz Tamba

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नवभारत डिजिटल डेस्क: पाकिस्तान (Pakistan) में सरबजीत सिंह (Sarabjit Singh) के हत्यारे पर हुआ हमला भारत और पाकिस्तान में चर्चा का विषय बना हुआ है। पाकिस्तान ने सरबजीत सिंह के हत्यारे पर हुए हमले के लिए भारत पर गंभीर आरोप लगाया है। पाकिस्तान के गृहमंत्री ने सरफराज तांबा (Sarfaraz Tamba) पर हुए हमले के पैटर्न को पाकिस्तान में चरमपंथियों की हो रही हत्या के पैटर्न से जोड़कर इसमें भारत का नाम जोड़ा है। भारत की तरफ से पाकिस्तान के आरोप पर प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन भारत पर पाकिस्तान से पहले भी इस तरह के आरोप लगा चुका है। वहीं पाकिस्तान के अखबारों में छपी खबर के मुताबिक पाकिस्तान की विशेषज्ञों की राय इस मामले पर बटी हुई है। हालांकि पाकिस्तानी पत्रकार फैजुल्ला की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सरफराज तांबा पर हुए हमले का पैटर्न अलग है और यह पाकिस्तान में दो गुटों के बीच गैंगवार (gang war in Pakistan) की तरह नजर आ रहा है। 

सरबजीत सिंह की हत्या 
अप्रैल 2013 में पाकिस्तान की लाहौर के जेल में बंद भारतीय नागरिक सरबजीत सिंह की दो लोगों (आमिर सरफ़राज़ उर्फ़ तांबा और मुदस्सिर मुनीर) ने हत्या कर दी थी। सरबजीत सिंह पर पाकिस्तान में कथित जासूसी और बम धमाके का आरोप था, जिसके लिए पाकिस्तान की एक अदालत में उन्हें मौत की सजा सुनाई थी। 

Sarabjit Singh

सरबजीत पर पाकिस्तान का दावा 
पंजाब के तरनतारन के निवासी सरबजीत को पाकिस्तान में 1990 में जासूसी और बम धमाके के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उस वक्त सरबजीत ने यह कहा था कि वह गलती से पाकिस्तान की सीमा में दाखिल हुए हैं। वह पेशे से किसान हैं, लेकिन पाकिस्तानी अधिकारियों का यह दावा था कि सरबजीत सिंह ने जासूसी और बम धमाके की साजिश की बात कबूल की थी और उसी के बाद उन्हें पाकिस्तान की अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। साल 2013 यानी सरबजीत की हत्या के समय तक उनके रिहाई की कोशिश लगातार की गई, लेकिन यह कोशिश नाकाम हुई। 

Sarfaraz Tamba is alive

कौन है सरफराज तांबा
आमिर सरफराज उर्फ सरफ़राज़ तांबा पाकिस्तानी नागरिक है और उस पर ढेर सारे मुकदमे चल रहे थे। जब उसने सरबजीत पर जानलेवा हमला किया था उसे समय वह डकैती और हत्या की कोशिश जैसे मामले में गिरफ्तार किया गया था। सरफराज तांबा के बारे में यह भी खबर है कि वो लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद का करीबी था। सोशल मीडिया पर हाफिज सईद के साथ उसकी ढेरों तस्वीरें इस बात की तस्दीक करती हैं। 

जिन्दा है सरफराज तांबा 
रविवार को सरफराज तांबा के हत्या की खबर सामने आई थी और कहा यह जा रहा था की बाइक सवार बंदूक धारकों ने उन पर गोलियां चलाई और अस्पताल ले जाते वक्त तांबा की मौत हो गई, लेकिन पाकिस्तान पुलिस अधीक्षक ने दावा किया है तांबा भी मरा नहीं है, वह जिंदा है, गंभीर रूप से घायल है और अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। 

पाकिस्तान के गृहमंत्री का भारत पर आरोप 
पाकिस्तान के गृहमंत्री मोहसिन नक़वी ने सोमवार को प्रेस कांफ्रेंस करके यह दावा किया कि आमिर सरफराज उर्फ तांबा के हमले में मिले सबूत में भारत के शामिल होने की बात सामने आ रही है, हालांकि नकवी ने यह भी बताया कि अभी जांच चल रही है। ऐसे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी जांच की रिपोर्ट के बाद वह बड़ा खुलासा करेंगे। 

mohsin naqvi

सरफ़राज़ सरबजीत हत्या मामले में बरी 
साल 2013 में आमिर सरफराज उर्फ तांबा ने मुदस्सिर मुनीर के साथ मिलकर सरबजीत सिंह पर हमला किया था, इन्हीं के ईंट और ब्लेड से किये गए हमले की वजह से सरबजीत की मौत हो गई थी, लेकिन सबूत के अभाव में इन्हें साल 2018 में इस मामले से बरी कर दिया गया। कुछ समय पहले ही सरफराज तांबा जेल से रिहा होकर बाहर आया था। खबर ये भी है कि रिहाई के बाद तांबा का रसूख और बढ़ गया था। 

पाकिस्तानी पत्रकार ने किया गैंगवार का दावा 
पाकिस्तानी पत्रकार फैजुल्ला के हवाले से एक विदेशी अखबार में छपी खबर के मुताबिक भले ही पाकिस्तानी गृह मंत्रालय सरबजीत के हत्यारे पर हुए हमले और पाकिस्तान के चरमपंथी गुटों के सदस्यों पर हुए हमले के पैटर्न को एक मान रहा हो लेकिन सरफराज तांबा पर हुए हमले का पैटर्न बिल्कुल अलग है। पाकिस्तान के चरमपंथी गुटों के सदस्यों पर जो हमले हुए हैं वह सुनियोजित ढंग से किए गए हमले हैं और वह घर के बाहर किए गए हमले हैं, जबकि सरफराज पर हुआ हमला उसके घर के भीतर घुसकर किया गया, तो ऐसे में ये पैटर्न अलग है। जो गैंगवार की तरफ इशारा कर रहा है। 
सरफ़राज़ को कैसे मिली रिहाई सरफराज पर कई मुकदमे चल रहे थे और उसे मौत की सजा भी मिली थी, लेकिन सबूत के अभाव के चलते वह कई मामलों में बरी हो गया और मौत की सजा के मामले में ऊपरी अदालत ने फैसला सरफराज तांबा के हक में सुनाया और मौत की सजा के फैसले को पलट दिया। 

पाकिस्तान को उसकी भाषा में मिला जवाब  
भारत और पाकिस्तान दोनों ही तरफ सरबजीत के हत्यारे पर हुए हमले को लेकर तेजी से चर्चा हो रही है। पाकिस्तान में कुछ लोगों का यह मानना है कि इस हमले के पीछे भारत का हाथ है। भारत की खुफिया एजेंसी रॉ ने इस हमले को अंजाम दिया है। जबकि पाकिस्तान में ही कुछ लोगों का यह मानना है कि पाकिस्तान में चरमपंथियों की हो रही हत्या का पैटर्न अलग है, जबकि सरफराज तांबा की हत्या की कोशिश का पैटर्न अलग है, यह गैंगवार की तरफ इशारा कर रहा है। वहीं भारत के सोशल मीडिया पर यह कहा जा रहा है कि पाकिस्तान में भारत के दुश्मनों को ठिकाने लगाने की कड़ी में एक और नया नाम जुड़ गया है। सरबजीत की हत्या करने वाले को उसी की भाषा में उसका जवाब मिला है।