ब्रिटेन के छात्र समूहों ने शैक्षणिक डिग्री मान्यता पर निशंक की सराहना की

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लंदन. ब्रिटेन के छात्र समूहों ने बुधवार को भारत और ब्रिटेन (India, U.K.) की शैक्षणिक डिग्री को पारस्परिक मान्यता देने के उद्देश्य से संयुक्त कार्यबल के गठन को लेकर भारत के केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक (Ramesh Pokhriyal ‘Nishank’) और ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब (Dominic Raab) के बीच बैठक में बनी सहमति को लेकर खुशी जाहिर की। इसे लेकर लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था।

साथ ही दोनों देशों ने शिक्षा, शोध और नवाचार के क्षेत्र में पारस्परिक सहभागिता को और बढ़ाने पर भी जोर दिया। वर्तमान में ब्रिटेन के एक वर्षीय परास्नातक कार्यक्रम को भारत के सार्वजनिक क्षेत्र में मान्यता नहीं दी जाती है। खासकर दवाई एवं विधि जैसे क्षेत्रों में अधिक बाधाएं सामने आती हैं। ऐसे में दोनों देशों के छात्र जोकि दूसरे देश में उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें दिक्कत का सामना करना पड़ता है। भारत में राब के साथ हुई बैठक के बाद निशंक ने कहा, ‘‘भारत और ब्रिटेन शैक्षणिक योग्यता को पारस्परिक मान्यता देने हेतु नामित उच्च संस्थानों के संयुक्त कार्यबल के गठन के लिए भी सहमत हुए। कार्यबल के सदस्यों और इसकी कार्यप्रणाली के संबंध में निर्णय आधिकारिक स्तर पर लिया जाएगा।”

उन्होंने कहा कि कार्यबल के गठन से शैक्षणिक योग्यता की पारस्परिक मान्यता की प्रक्रिया में तेज़ी आएगी तथा यह शिक्षा के अंतर्राष्ट्रीयकरण के भारत के एजेंडे के लिए भी सहायक होगा। ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब 14 दिसंबर से 17 दिसंबर तक की भारत यात्रा पर हैं। इस कदम पर प्रतिक्रिया देते हुए ब्रिटेन के प्रमुख विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधि समूह की निदेशक विवयना स्टर्न ने इसे ”शानदार खबर” करार दिया। पोर्ट्समाउथ विश्वविद्यालय में निदेशक बॉबी मेहता ने कहा, ” यह महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाने जैसा है। इससे ब्रिटेन में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्रों के लिए बड़ा बदलाव लाएगा।” वहीं, द नेशनल इंडियन स्टूडेंट्स एंड एल्युमनाइ यूनियन यूके (एनआईएसएयू-यूके) की अध्यक्ष सनम अरोड़ा ने कहा, ” यह एक शानदार खबर है। जिस मांग को लेकर हमने वर्षों अभियान चलाया उस पर सकारात्मक कदम उठाए जाने से हम बेहद खुश हैं।”(एजेंसी)