
नई दिल्ली: एक बड़ी खबर के अनुसार मालदीव (Maldives) के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (President H.E. Dr. Mohamed Muizzu) ने आधिकारिक तौर पर भारत सरकार से मालदीव से अपनी सेना वापस लेने का अब सीधे अनुरोध किया है। इस बाबत मालदीव के राष्ट्रपति कार्यालय ने इस संबंध में एक बयान जारी किया है।
क्या कहा मुइज्जू ने
वहीं राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि मालदीव के लोगों ने उन्हें बीते सितंबर में हुए राष्ट्रपति चुनाव के दौरान उन्हें इसके लिए एक मजबूत जनादेश दिया है। राष्ट्रपति ने उम्मीद जताई कि भारत मालदीव के लोगों की लोकतांत्रिक इच्छा का अब सम्मान करेगा। जानकारी दें कि मुइज्जू 17 नवंबर को शपथग्रहण के बाद आधिकारिक रूप से मालदीव के राष्ट्रपति बने हैं।
India’s Minister of Earth Sciences pays a courtesy call on the President https://t.co/HIm4eEAcic pic.twitter.com/UociV9RZld
— The President’s Office (@presidencymv) November 18, 2023
किरेन रिजिजू पहुंचे मुइज्जू के शपथग्रहण समारोह में
इधर भारत की तरफ से केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू मोहम्मद मुइज्जू के शपथग्रहण समारोह में पहुंचे थे। शपथ के बाद राष्ट्रपति और किरेन रिजिजू में बातचीत हुई। इस द्विपक्षीय बैठक में मुइज्जू ने रिजिजू से यह अपील की कि भारत अब अपनी सेना वापस बुला ले। हालाँकि भारत ने मालदीव को गिफ्ट के तौर पर फाइटर जेट्स तक दे रखे हैं। दरअसल यहाँ से ड्रग्स की सप्लाई को रोकने के लिए भारतीय सेना की तैनाती की गई है।
Privileged to call on President H.E. Dr. Mohamed Muizzu.
Conveyed greetings from Hon’ble PM @NarendraModi and reiterated India’s commitment to further strengthen the substantive bilateral cooperation and robust people-to-people ties. pic.twitter.com/nFa95QD9ES— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) November 18, 2023
इसके साथ ही किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) से बातचीत में मुइज्जू ने मालदीव में चल रहे भारत समर्थित प्रोजेक्ट पर भी जरुरी बात की, जिनमें ग्रेटर माले कनेक्टिविटी प्रोजेक्ट भी शामिल है। इस प्रोजेक्ट के जरिए छोटे-छोटे आईलैंड को राजधानी से जोड़ने का प्लान है। उन्होंने इन प्रोजेक्ट्स में तेजी लाने की भी बात कही है।
भारत की दोस्ती और मदद को भुला रहा मालदीव
गौरतलब है की बीते 5 साल में भारतीय सेना ने मालदीव को कई मोर्चे पर बड़ी और ख़ास मदद की है, जिसमें समुद्री सुरक्षा शामिल है। इससे मालदीव के 523 लोगों की जान भी बची। इसके साथ ही भारत ने मालदीव की समुद्री सुरक्षा की रक्षा के लिए बहुआयामी मिशनों पर भी भरपूर सहयोग किया है।