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नई दिल्ली. नॉर्थ कोरिया (North Korea) से मिल रही बड़ी खबर के अनुसार, यहां एक ईसाई परिवार को सिर्फ अपने धर्म का पालन करने और बाइबिल रखने के आरोप में आजीवन कारावास की बड़ी सजा दे दी गई है। वहीं सजा पाने वालों में परिवार का एक 2 साल का बच्चा भी शामिल है। 

दरअसल ये पूरा खुलासा अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट की धार्मिक आजादी को लेकर जारी की गई एक रिपोर्ट में हुआ है। यह मामला 2009 का बताया जा रहा है। इस रिपोर्ट में यह दावा किया है कि, नॉर्थ कोरिया में बाइबिल रखने पर लोगों को आजीवन कारावास से लेकर मौत तक की सजा दी जा रही है। वहीं 2022 में नॉर्थ कोरिया ने 70 हजार से ज्यादा ईसाइयों को जेल में डाला दिया था।

नॉर्थ कोरिया एक नास्तिक देश 

गौरतलब है कि, कम्युनिस्ट देश होने के चलते उत्तर कोरिया एक नास्तिक देश है। जो किसी धर्म में यकीन नहीं करता है। हालांकि ऐसा दावा भी  है कि वहां सभी लोगों को अपने धर्म का पालन करने की आजादी है। लेकिन यहां 50% लोग नास्तिक हैं। 25% लोग बौद्ध हैं और बाकी 25% लोग ईसाई और दूसरे मजहब के हैं।

लेकिन इन खोखले दावों के बावजूद धार्मिक स्वतंत्रता के सूचकांक में यह देश फिलहाल सबसे निचले स्थान पर है। वहीं बीते दिसंबर 2022 में यूनाइटेड नेशन में नॉर्थ कोरिया में हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन को लेकर एक प्रस्ताव लाया गया था, जिसका अमेरिका समेत दर्जनों देशों ने अपना समर्थन भी दिया था।