imran-pakistan

Loading

नई दिल्ली/लाहौर: पाकिस्तान चुनाव (Pakistan Elections) में इस बार बड़ा उलटफेर करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) की राजनीतिक पार्टी से जुड़े उम्मीदवार सभी राजनीतिक पंडितों को चौंकाते हुए चुनाव परिणामों में सबसे आगे हैं। बीते 24 घंटों से वोटों की गिनती जारी है। अहेली निर्दलीय उम्मीदवारों ने नेशनल असेंबली की कुल 266 सीटों में से अब तक करीब 99 सीटें जीती हैं। इन सीटों में ज्यादातर इमरान खान समर्थित स्वतंत्र उम्मीदवार ही हैं। इसके अलावा PMLN (Pakistan Muslim League Nawaz) ने 71 और PPP ( Pakistan Peoples Party) ने 53 सीटें जीती हैं।

अब तक के नतीजों के मुताबिक, पाकिस्तान में फिलहाल किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला है। लेकिन जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और PTI प्रमुख इमरान ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि PTI समर्थित उम्मीदवारों ने दो-तिहाई बहुमत हासिल कर लिया है। खान ने दावा किया कि PTI समर्थित उम्मीदवार फॉर्म 45 डेटा के अनुसार 170 से अधिक सीटों पर जीत रहे हैं।

इमरान के प्रत्याशियों को क्यों मिल रहा समर्थन

देखा जाए तो पाकिस्तान में इमरान खान के जेल में रहते हुए भी उनके प्रत्याशियों को जोरदार समर्थन मिला है। आर्थिक हालात, संवेदना, सेना का हस्तक्षेप और कई वजहें इसके पीछे हैं। गौर करें तो इमरान खान को युवाओं का इस बार जमकर समर्थन मिला है। कॉलेज और यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले युवा बड़ी संख्या में इमरान खान के साथ जुड़े थे। इमरान को समर्थन मिलने की साफ़ वजह है यह है कि, वहां की आवाम अब यह नहीं चाहती कि राजनीति में सेना का हस्तक्षेप रहे। ऐसे में नवाज शरीफ के खिलाफ लोगों ने वोट किया है। 

मामले पर कुछ राजनीतिक जानकारों का कहना है कि, लंबे समय से आर्थिक बदहाली से ऊब चुकी जनता ने अब बस ‘सुधार’ की उम्मीद से ही इमरान खान का समर्थन किया। हालांकि वहीं इमरान खान को जेल में डाल देने की वजह से जनता में उनके प्रति एक स्वाभाविक संवेदना पैदा हो गई। हाल यह है कि, आज इमरान खान एक सिलेब्रिटी के रूप में भी युवाओं में पसंद किए जाते हैं।

खैर, यहां के चुनाव की बात करें तो, फिलहाल एक दर्जन से अधिक सीटों के नतीजे अभी आने बाकी हैं। ऐसे में अगर इमरान खान के उम्मीदवारों की तादाद ज्यादा रहती तो क्या पाकिस्तान में पहली बार निर्दलीय उम्मीदवारों की सरकार बनेगी? आइए इसे समझते हैं।

कैसे बनेगी ‘इमरान’ सरकार

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि, PTI समर्थित उम्मीदवार अगर बहुमत में जीत के आते हैं, तो हो सकता है वे अपना एक अलग ग्रुप बनाए और इसको एक नाम देकर अपनी सरकार बना लें। लेकिन शर्त यह है कि इन आजाद उम्मीदवारों का अपने ब्लॉक का नाम PTI रखना मुमकिन नहीं होगा क्योंकि चीजे कानूनों से चलती हैं।

क्या होगा इमरान का भविष्य 

देखा जाए तो इमरान खान को कई मामलों में सजा मिल चुकी हैं। इन मामलों में उन्हें अधिकतम 14 साल जेल की सजा मिली है। इसके अलावा उन पर 10 साल के लिए किसी संवैधानिक पद को संभालने पर भी रोक लगी हुई है। इस तरह इमरान खान को 2034 तक राजनीति से विमुख रहना होगा। यदि यह रोक नहीं हटी तो फिर पीटीआई के भविष्य पर भी सवाल बना रहेगा। इसकी वजह यह है कि इमरान खान के अलावा भी अन्य बड़े नेताओं को या तो जेल में डाल दिया गया है या फिर वे फिलहाल देश छोड़ चुके हैं। देखना है कि, पाकिस्तान के ‘रॉबिन हुड’ इमरान की तक़दीर में क्या है।