फ़ोटो
Published: October 14, 2020 03:34 PMफोटो ‘अशोक विजयादशमी’ के रूप में भी मनाया जाता है ‘बौद्ध धम्म दिवस’
भारत रत्न डॉ. भीमराव आंबेडकर ने विजयदशमी के दिन नागपुर में सन् 14 अक्टूबर 1956 (आज ही के दिन) को उन्होंने बौद्ध धर्म अपनाया। आज उनके इस निर्णय को याद करने का दिन है। आंबेडकर जानते थे कि भारतीय मन धर्म के बीना रह नहीं सकता, लेकिन क्या यह वही धर्म होगा जिसने उस जीवन का अनुमोदन किया था जिसके कारण दलितों को सदियों से संतप्त रहना पड़ा है। वे इस धर्म को त्याग देना चाहते थे। गरीबी, बहिष्करण, लांछन से भरा बचपन मन के एक कोने में दबाये हुए आंबेडकर ने देखा था कि उनके जैसे करोड़ों लोग भारत में किस प्रकार का जीवन जी रहे हैं। उनके जीवन और आत्मा में प्रकाश शिक्षा ही ला सकती है। यही उन्हें उस दासता से मुक्त करेगी जिसे समाज, धर्म और दर्शन ने उनके नस-नस में आरोपित कर दिया है।