बिग बॉस प्रकरण सनसनीखेज महाराष्ट्र में मराठी से कैसा परहेज

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, जिन्हें अक्ल नहीं होती, वे पानी में रहकर मगर से बैर करते हैं. कलर्स चैनल के बिग बॉस ने अपने एपिसोड के विवादित अंश के लिए महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से माफी मांग ली और मामले को ज्यादा खींचा नहीं. टीवी चैनल के बिग बॉस को पता है कि महाराष्ट्र के बिग बॉस उद्धव ठाकरे यदि नाराज हो जाएं तो उसकी खैर नहीं है. इसलिए कलर्स चैनल के बॉस ने विवाद खत्म करने के लिए सीएम को पत्र लिखकर क्षमा याचना कर ली.’’ हमने कहा, ‘‘लेकिन यह पूरा मामला क्या है, यह भी तो बताइए! विवाद की जड़ क्या है?’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, बिग बॉस शो में भाग लेने वाले राहुल वैद्य और निक्की तंबोली कई बार आपस में मराठी में बात करते नजर आए. इस शो में गायक कुमार सानू का बेटा जान भी भाग ले रहा है. निक्की और राहुल से  अनबन के बाद जान ने उन दोनों के मराठी में बात करने पर आपत्ति जताई.

उसने कहा कि मुझे इस भाषा से चिढ़ है, अगर हिम्मत है तो हिंदी में बात करें. जान का मराठी की आलोचना करने वाला बयान शिवसेना और मनसे को बहुत ज्यादा अखरा. इन पार्टियों ने चैनल को धमकी दी कि यदि जान सानू के बयान के लिए माफी नहीं मांगी गई तो वे शो को टेलीकास्ट नहीं होने देंगे. दोनों पार्टियों ने जान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. गृहमंत्री अनिल देशमुख ने भी कहा कि जान सानू पर कार्रवाई की जाएगी.’’ हमने कहा, ‘‘ऐसे प्रतिभागी की शो से छुट्टी कर देनी चाहिए. महाराष्ट्र में रहकर मराठी भाषा से द्वेष रखना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता. मराठी संतों की भाषा रही है. संत ज्ञानेश्वर, समर्थ रामदास, तुकाराम, एकनाथ, नामदेव की सारी उत्कृष्ट रचनाएं मराठी में हैं.

मराठी का साहित्य अत्यंत समृद्ध है. जो लोग इससे अनजान हैं, वे मराठी के बारे में बकवास करते हैं. मराठी का रंगमंच गरिमापूर्ण स्थान रखता है. मराठी और बांग्ला नाटकों को बहुत ऊंचे दर्जे का माना जाता है. मराठी फिल्मोद्योग का भी विशिष्ट स्थान है. पूर्वाग्रह तब उत्पन्न होता है जब लोग किसी भाषा को जानते नहीं. इसलिए दिल बड़ा रखने की जरूरत है. महाराष्ट्र में रहकर मराठी से परहेज करना बेहद खटकने वाली बात है. ऐसे लोगों को अपना नजरिया सुधारना चाहिए. चैनल ने माफी मांग ली और कहा कि वह विवादित अंश को एपिसोड से हटा देगा, अब जान सानू को भी क्षमायाचना करनी चाहिए.’’