नाशिक. पर्यावरण (Environment) और जलवायु परिवर्तन (Climate Change) राज्य मंत्री संजय बंसोडे (Sanjay Bansode) ने कार्रवाई के लिए दिया हुआ समय समाप्त होने के बावजूद समिति (Committee) गठीत कर खुदाई के मामले में बैठकों का सत्र चलाया जा रहा है। प्रत्येक बैठक और चर्चा में अतिप्रमाणित उत्खनन करने वाले 9 लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कि जा रही है। देढ़ माह से वन और राजस्व विभाग के माध्यम से केवल आश्वासन दिया जा रहा है।
ब्रह्मगिरी, संतोषा और भागड़ी की बोटीया तोड़ने वालों का संरक्षण किया जा रहा है। ब्रह्मगिरी के पेट में बारूद भरकर विस्फोट करते हुए लघु खनिज के लिए शुरू लूट सामने आने के बाद सेव ब्रह्मगिरी अभियान हुआ। इसके अंतर्गत 24 अगस्त को मंत्रालय में राज्य मंत्री संजय बंसोड़े की उपस्थिती में बैठक हुई। नाशिक के वन और राजस्व विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाई गई। उत्खनन होने की बात स्पष्ट होने के कारण 8 दिनों में कार्रवाई करने के आदेश राज्यमंत्री ने दिए, लेकिन कार्रवाई करने के बजाए जिलाधिकारी सूरज मांढरे ने 1 सितंबर को फिर से जिला स्तरीय समिति का गठन किया।
इससे पूर्व नियुक्त कि गई टास्क फोर्स ने विविध रिपोर्ट देने के बावजूद राजस्व और वन विभाग ने कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की। इस संदर्भ में जवाब मांगने के बजाए फिर से समिति गठीत कर बैठकों का सत्र शुरू करते हुए जिलाधिकारी ने इस मामले से हाथ खड़े करने का प्रयास किया है। जिलाधिकारी मांढरे के आदेशानुसार उत्खनन को लेकर उप वनसंरक्षक पंकज गर्ग की अध्यक्षता में बैठक हुई। इस दौरान सहायक वन संरक्षक गणेश झोले, प्रभारी खनिकर्म अधिकारी प्रशांत पाटिल, प्रदूषण नियंत्रण मंडल के उप प्रादेशिक अधिकारी अमर दुर्गुले सहित ब्रह्मगिरी कृति समिति के सदस्य दत्तू ढगे, मनोज साठे, अंबरिश मोरे उपस्थित थे। बैठक में पूराने मुद्दों पर चर्चा हुई। 9 उत्खननकर्ताओं पर प्रकरण दर्ज करने की बात हुई। समिति का फिर से मुआयना दौरा होगा। जिलेटिन का उपयोग हुआ कि नहीं इसकी जांच होगी। मई माह में उत्खनन प्रकरण सामने आने के बाद कार्रवाई में तेजी आई, लेकिन कार्रवाई करने के बजाए केवल टालमटोल कि जा रही है। इससे संदेह निर्माण हो रहा है कि कहीं ब्रम्हगिरी में बारूद बिछाने वालों के साथ अधिकारियों की तो सांठगांठ नहीं है।
उप वनसंरक्षक के ‘वरिष्ठ’ होने का उल्लेख
राजस्व के इगतपुरी और त्र्यंबकेश्वर के उप विभागीय अधिकारी, प्रदूषण नियंत्रण मंडल के उपप्रादेशिक अधिकारी, जिला खनिकर्म अधिकारी और उप वनसंरक्षक की फिर से नई समिति बनाई है। इसमें उप वनसंरक्षक के ‘वरिष्ठ’ होने का उल्लेख किया गया है। कामकाज का सनियंत्रण और रिपोर्ट प्रस्तूत करने की जिम्मेदारी पंकज गर्ग को सौंपी गई है। गर्ग एक वर्ष पूर्व उप वनसंरक्षक पद पर विराजमान हुए है। इसके अलावा ब्रह्मगिरी उत्खनन वन सिमा क्षेत्र में नहीं है। संतोषा और भागड़ी को लेकर राजस्व विभाग कार्रवाई करने का दावा कर रहे है। इसलिए फिर से वहीं सनियंत्रण करेंगे तो कार्रवाई होगी? इसे लेकर प्रश्न चिन्ह निर्माण हो रहे है।