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    मुंबई : वट सावित्री का व्रत (Vat Savitri Vrat) महिलाएं अपने पति के लंबी उम्र (Long Life), अखंड सौभाग्य, सुखी वैवाहिक जीवन (Happy Married Life)  और अच्छे स्वास्थ (Health) के लिए व्रत रखती है। इस दिन महिलाएं सावित्री, सत्यवान और वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ का विधि-विधान से पूजा और वट वृक्ष के पास कथा भी कहती हैं। लेकिन इस बार व्रत को लेकर उनके बीच असमंजस नजर आ रहा है, कि आखिर व्रत रखना कब है। 29 मई को या 30 मई को?

    महिलाओं में व्रत को लेकर दुविधा इसलिए नजर आ रही है। क्योंकी इस वर्ष वट सावित्री व्रत के लिए अमावस्या तिथि 29 मई को प्रारंभ हो रही है, और 30 मई को समाप्त हो रही है। ऐसे में सही तारिक जाने का सबसे आसान तरीका है उदयातिथि। हिंदू पंचांग के अनुसार, यह व्रत  ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि के दिन रखा जाता है। 

    गौरतलब है इस बार पंचांग के मुताबिक ज्येष्ठ माह की अमावस्या 29 मई यानि  (रविवार) को दोपहर 2 बजकर 54 मिनट से शुरु हो रही है, और 30 मई (सोमवार) को शाम 04:59 पर इसका समापन हो रहा है। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार ज्येष्ठ आमवस्या 30 मई यानि सोमवार को होगी। इसलिए वट सावित्री का व्रत ज्येष्ठ अमावस्या को यानी 30 मई को रखा जाएगा।