नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court Collegium) के कॉलेजियम में सुधार को लेकर लिखे पत्र से केंद्र सरकार (Center Goverment) विपक्षी दलों के निशाने पर थी। इस बीच, सरकार ही अपने बयान से पलटती दिख रही है और साथ ही लोकतंत्र की मजबूती की दुहाई दे रही है। केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) ने कहा है कि, ‘देश में लोकतंत्र मजबूती से आगे चले इसके लिए आजाद न्यायपालिका का होना जरूरी है।’ उल्लेखनीय है कि, इससे पहले रिजिजू कथित तौर पर सुप्रीम कोर्ट के CJI को एक पत्र भेजा था। जिसमें उन्होंने कॉलेजियम में सुधार की बात रखी थी।
‘न्यायपालिका की आज़ादी जरूरी’
सोमवार को एक कार्यक्रम में न्यायपालिका को स्वतंत्र रखने की बात करते हुए क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, ”भारत में लोकतंत्र सिर्फ जीवित ही नहीं बल्कि मजबूती से आगे चले उसके लिए एक मज़बूत और आज़ाद न्यायपालिका का होना जरूरी है। न्यायपालिका की आज़ादी को कमज़ोर या उसके अधिकार, सम्मान और गरिमा को कम करेंगे तो लोकतंत्र सफल नहीं होगा।”
मैंने CJI को एक पत्र लिखा, जिसके बारे में किसी को नहीं पता था। पता नहीं किसे कहां से पता चला और खबर बना दी कि क़ानून मंत्री ने CJI को पत्र लिखा कि कॉलेजियम में सरकार का प्रतिनिधि होना चाहिए। इस बात का कोई सर पैर नहीं।मैं कहां से उस प्रणाली में एक और व्यक्ति डाल दुंगा:किरेन रिजिजू pic.twitter.com/BejiM3R08N
— ANI_HindiNews (@AHindinews) January 23, 2023
पत्र के विषय पर बात की
इस दौरान उन्होंने सीजेआई को भेजे पत्र के विषय पर भी बात की। उन्होंने कहा, ”मैंने CJI को एक पत्र लिखा था, जिसके बारे में किसी को नहीं पता था। पता नहीं किसे कहां से पता चला और खबर बना दी कि क़ानून मंत्री ने CJI को पत्र लिखा कि कॉलेजियम में सरकार का प्रतिनिधि होना चाहिए। इस बात का कोई सर पैर नहीं। मैं कहां से उस प्रणाली में एक और व्यक्ति डाल दूंगा?”
उन्होंने आगे यह भी कहा कि, ‘जज बनने के बाद उन्हें चुनाव या जनता की जांच का सामना नहीं करना पड़ता है। जजों के फैसलों और जिस तरह से वे न्याय देते हैं और अपना आकलन करते हैं, उसे जनता देख रही है। सोशल मीडिया के इस युग में कुछ भी नहीं छुपाया जा सकता है।’